मानवाधिकार आयोग का गठन, भवन आवंटन और नियुक्ति प्रक्रिया जारी: मिजोरम सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

Update: 2024-11-29 05:55 GMT

मिजोरम सरकार ने बुधवार (27 नवंबर) को आइजोल स्थित गुवाहाटी हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 21(4) और (1) के प्रावधानों के तहत राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया, जिसका मुख्यालय आइजोल में होगा।

जस्टिस नेल्सन सैलो और जस्टिस मार्ली वानकुंग की खंडपीठ को राज्य सरकार ने यह भी सूचित किया कि नए प्रतिष्ठान के लिए अध्यक्ष, दो सदस्य, अधिकारी और कर्मचारी सहित सोलह पदों के सृजन के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई।

न्यायालय इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसकी सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि राज्य प्राधिकरण नए प्रतिष्ठान के लिए उपयुक्त भवन की तलाश के अलावा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में उपयुक्त व्यक्तियों की नियुक्ति पर विचार कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने आयोग के अध्यक्ष और अन्य दो सदस्यों की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को उनके विचारार्थ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

कोर्ट ने टिप्पणी की,

उपर्युक्त घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए हमने देखा कि मिजोरम राज्य में मानवाधिकार आयोग की स्थापना को आगे बढ़ाने के लिए राज्य प्रतिवादियों द्वारा कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि राज्य प्रतिवादियों को आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में उपयुक्त व्यक्तियों की नियुक्ति करके आयोग की स्थापना के लिए और कदम उठाने होंगे। साथ ही उन पदों को भरना होगा जो सृजित किए गए हैं ताकि आयोग को गति दी जा सके।”

न्यायालय ने मामले को आठ सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।

इस बीचप्रतिवादी एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करेंगे, जिसमें प्रस्तुत की गई अधिसूचनाओं को शामिल किया जाएगा। साथ ही न्यायालय को दिनांक 11.10.2024 को जारी की गई उक्त अधिसूचनाओं के अनुसरण में आयोग की स्थापना के लिए सभी कदमों की जानकारी भी देंगे।

केस टाइटल: ज़ोफ़ा वेलफ़ेयर ऑर्गेनाइज़ेशन (ZWO) मिज़ोरम बनाम मिज़ोरम राज्य और 5 अन्य।

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