असम पीड़ित मुआवज़ा योजना के तहत धनराशि वितरित करना राज्य का प्राथमिक कर्तव्य: गुवाहाटी हाइकोर्ट

Update: 2024-04-09 08:32 GMT

गुवाहाटी हाइकोर्ट ने हाल ही में असम सरकार से 20 मई 2024 तक असम पीड़ित मुआवज़ा योजना 2012 के तहत पीड़ितों को वितरित की जाने वाली अपेक्षित धनराशि जारी करने के लिए निश्चित प्रस्ताव पेश करने को कहा।

चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ ने टिप्पणी की

“हमें यह टिप्पणी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है कि धनराशि की कमी के कारण पीड़ितों को मुआवज़ा वितरित नहीं किया जा रहा है। पीड़ितों को मुआवज़ा वितरित करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है।”

खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उक्त याचिका में असम पीड़ित मुआवजा योजना 2012 के तहत पीड़ितों को मुआवजा न दिए जाने पर चिंता जताई गई।

असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (ASLSA) की ओर से दायर हलफनामे के माध्यम से कहा गया कि 17 फरवरी 2024 तक असम राज्य में पीड़ित मुआवजा कोष की आवश्यकता लगभग 24,16,18,032 रुपये है।

ASLSA की ओर से उपस्थित वकील ने प्रस्तुत किया कि राज्य ने वर्ष 2019-20 से 2022-23 के लिए पीड़ितों को वितरित करने के लिए कोई निधि प्रदान नहीं की गई।

हालांकि यह भी प्रस्तुत किया गया कि वर्ष 2023 में पीड़ित मुआवजा योजना के तहत पीड़ितों के बीच मुआवजा वितरित करने के उद्देश्य से केवल 9,00,00,000/- रुपये (नौ करोड़) दिए गए।

न्यायालय ने टिप्पणी की,

"ऐसा लगता है कि गृह विभाग और वित्त विभाग के बीच समन्वय की कमी है। हालांकि हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगली सुनवाई की तारीख तक संबंधित विभागों के बीच समन्वय के साथ असम राज्य पीड़ित मुआवजा योजना के तहत पीड़ितों को वितरित किए जाने वाले अपेक्षित धन को जारी करने के लिए निश्चित प्रस्ताव लेकर आएगा।"

मामला 20 मई को फिर से सूचीबद्ध किया गया।

केस टाइटल- संदीप चमारिया बनाम असम राज्य और 2 अन्य।

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