गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हज समिति को तीर्थयात्रियों से वसूले जाने वाले अतिरिक्त किराए के मुद्दे पर 90 दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया

Update: 2024-12-09 06:47 GMT

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में भारत की केंद्रीय हज समिति को निर्देश दिया कि वह हज समिति अधिनियम 2002 की धारा 42 में निहित प्रावधानों के आलोक में असम के हज यात्रियों से वसूले जाने वाले अतिरिक्त हवाई किराए के बारे में अभ्यावेदन का 90 दिनों के भीतर निपटारा करे।

जस्टिस सौमित्र सैकिया की एकल पीठ असम के 91 हज यात्रियों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया कि उनसे गुवाहाटी से जेद्दा तक चार्टर्ड फ्लाइट का हवाई किराया वसूला गया। हालांकि गुवाहाटी में बोर्डिंग के दौरान उन्हें अंतरराष्ट्रीय चार्टर्ड फ्लाइट के बजाय सामान्य यात्री फ्लाइट लेने के लिए कहा गया।

याचिकाकर्ताओं का मामला यह था कि 2023 में चार्टर्ड फ्लाइट के लिए निविदा आमंत्रित की गई। निविदा को अंतिम रूप देने के बाद असम के चयनित हज यात्रियों से 10,000 रुपये जमा करने के लिए कहा गया। 3,82,297 हज व्यय के लिए जिसमें चार्टर्ड फ्लाइट का हवाई किराया भी शामिल है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि 3,82,297/- रुपये में से 1,54,694/- रुपये गुवाहाटी से जेद्दा तक चार्टर्ड फ्लाइट के हवाई किराए के रूप में वसूले गए। हालांकि गुवाहाटी में बोर्डिंग के दौरान असम के तीर्थयात्रियों को अंतरराष्ट्रीय चार्टर्ड फ्लाइट के बजाय सामान्य यात्री फ्लाइट लेने के लिए कहा गया।

याचिकाकर्ताओं का मामला यह था कि हालांकि भारतीय हज समिति ने गुवाहाटी से चार्टर्ड फ्लाइट रद्द कर दी, लेकिन चार्टर्ड फ्लाइट के लिए तीर्थयात्रियों द्वारा जमा की गई अतिरिक्त राशि वापस नहीं की गई।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि हज यात्रियों से ली गई अतिरिक्त राशि की वापसी के लिए भारतीय हज समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को संबोधित विभिन्न अभ्यावेदन किए गए लेकिन हज समिति ने आज तक अभ्यावेदन का निपटारा नहीं किया है और न ही याचिकाकर्ताओं को राशि वापस की।

न्यायालय ने पाया कि पक्षकारों के वकील इस बात पर एकमत हैं कि वर्तमान रिट याचिका का निपटारा किया जा सकता है। हज समिति को हज समिति अधिनियम 2002 की धारा 42 के अनुसार अभ्यावेदनों का निपटारा करने का निर्देश दिया जा सकता है।

न्यायालय ने निर्देश दिया,

“पक्षकारों के वकील द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों के आलोक में यह न्यायालय रिट याचिका का निपटारा करने का प्रस्ताव करता है। प्रतिवादी नंबर 2 को निर्देश देता है कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों का निपटारा हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा-42 में निहित प्रावधानों के आलोक में करे। तदनुसार, प्रतिवादी नंबर 2 याचिकाकर्ताओं की सुनवाई के पश्चात तथा हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा-42 के अधिदेश का पालन करते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों का निपटारा स्पष्ट आदेश द्वारा करेगा। इस आदेश के अनुपालन के लिए सभी अभ्यास इस आदेश के पारित होने के दिन से 90 दिनों की अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा।”

केस टाइटल: समसुल हुसैन एवं 90 अन्य बनाम भारत संघ और 2 अन्य।

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