सीनियरिटी-कम-एफिशिएंसी के आधार पर ही हो इंचार्ज हेडमास्टर की नियुक्ति : गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट की जस्टिस रॉबिन फुकन की पीठ ने फैसला सुनाया कि यदि दो अभ्यर्थी एक ही दिन सेवा में शामिल होते हैं तो सीनियरिटी उम्र के आधार पर तय की जाएगी और बड़े उम्र के कर्मचारी को सीनियर माना जाएगा। साथ ही मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर की नियुक्ति सीनियरिटी-कम-एफिशिएंसी के आधार पर की जानी चाहिए।
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता को 11.02.1994 को झौडांगा एमई स्कूल में साइंस ग्रेजुएट शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी दिन प्रतिवादी को हिंदी शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में याचिकाकर्ता को 2000, 2003 और 2004 में सार्वजनिक हित में अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया गया।
19.09.2023 को उन्होंने फिर से झौडांगा एमईएम स्कूल में योगदान दिया। 22.10.2024 को जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने प्रतिवादी को स्कूल का इंचार्ज हेडमास्टर नियुक्त किया और वित्तीय अधिकार दिए। याचिकाकर्ता ने इस आदेश को चुनौती दी।
इस बीच 11.11.2024 को याचिकाकर्ता को एक अन्य स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसे उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने 18.11.2024 को अंतरिम रोक लगाई।
याचिकाकर्ता ने कहा कि दोनों ने एक ही दिन सेवा ज्वाइन की थी, लेकिन उनकी जन्म तिथि 24.01.1968 थी, जबकि प्रतिवादी की 27.11.1972 थी। वे उम्र में बड़े थे। पहले योगदान भी दे चुके थे, अतः वे सीनियर थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका तबादला जनहित में हुआ था, इससे उनकी सीनियरिटी प्रभावित नहीं हो सकती।
वहीं प्रतिवादी ने कहा कि याचिकाकर्ता के कार्य प्रदर्शन पर कई शिकायतें थीं और स्कूल के हित में उन्हें इंचार्ज बनाया गया।
कोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता ने 09:45 बजे योगदान दिया था, जबकि प्रतिवादी ने 10:00 बजे। दोनों ने एक ही दिन सेवा ज्वाइन की थी, अतः वरिष्ठता उम्र के आधार पर तय होगी। चूंकि याचिकाकर्ता प्रतिवादी से 4 वर्ष 10 माह 3 दिन बड़े थे, वे वरिष्ठ माने जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुरानी सीनियरिटी सूची, जिसमें प्रतिवादी को ऊपर दिखाया गया था, जन्म तिथि और योगदान समय को नजरअंदाज कर बनी थी, अतः वह कानूनन टिकाऊ नहीं थी और रद्द की जानी चाहिए।
कोर्ट ने 02.03.2010 की सरकारी अधिसूचना का हवाला दिया, जिसमें मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर की नियुक्ति सीनियरिटी-कम-एफिशिएंसी के आधार पर करने की बात कही गई थी। कोर्ट ने प्रतिवादी की नियुक्ति को इस सिद्धांत का उल्लंघन माना।
साथ ही 11.11.2024 का तबादला आदेश दुर्भावनापूर्ण पाया और रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इंचार्ज हेडमास्टर नियुक्त करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: नोजरूल इस्लाम बनाम असम राज्य एवं अन्य