पाकिस्तान समर्थित फेसबुक पोस्ट मामले में हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

Update: 2025-07-31 06:39 GMT

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कीस जिस पर फेसबुक पर पाकिस्तान और तुर्की के राष्ट्रपति के समर्थन में पोस्ट डालने का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A में निहित मूल कर्तव्यों का पालन नहीं किया।

जस्टिस पार्थिवज्योति सैकिया की एकल पीठ ने कहा,

"फेसबुक पोस्ट को साधारण रूप से पढ़ने पर स्पष्ट होता है कि वर्तमान समय में याचिकाकर्ता अपने देश के बजाय पाकिस्तान का समर्थन करता है। उसने संविधान के अनुच्छेद 51A में वर्णित निर्देशात्मक सिद्धांतों का अनुपालन नहीं किया।"

मामले का संक्षिप्त विवरण:

आरोपी जैनुल अबेदीन पर यह आरोप है कि उसने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा,

"हम पाकिस्तान के नागरिकों के भाई के साथ हैं और भविष्य में भी उनके साथ रहेंगे।"

उसने कथित पोस्ट में तुर्की के राष्ट्रपति का भी समर्थन किया, जिन्होंने पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिया था। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि यह पोस्ट उस समय की गई जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव था।

ट्रायल कोर्ट ने आरोपी की जमानत यह कहते हुए पहले ही खारिज कर दी कि मामला अभी आरोप तय करने के चरण में है। इसके बाद आरोपी हाईकोर्ट पहुंचा।

दोनों पक्षकारों की दलीलें सुनने और पोस्ट का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि आरोपी ने अपने देश का समर्थन नहीं किया और उसके आचरण से यह प्रतीत होता है कि उसने अनुच्छेद 51A के तहत निर्धारित नागरिक कर्तव्यों का उल्लंघन किया।

न्यायालय ने सेशन जज कोकराझार द्वारा लिए गए दृष्टिकोण से सहमति जताई और निर्देश दिया कि ट्रायल कोर्ट पहले आरोप तय करे और अभियोजन पक्ष के कम से कम दो गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद ही आरोपी की जमानत याचिका पर पुनर्विचार किया जाए।

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