जगन मोहन रेड्डी ने अडानी अभियोग से उन्हें जोड़ने वाले मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर किया
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कथित रूप से दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक समाचार रिपोर्टों को लेकर विभिन्न मीडिया हाउस के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया, जिसमें उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में अडानी समूह के खिलाफ अभियोग कार्यवाही से जोड़ा गया।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने मंगलवार को रेड्डी के आवेदन पर नोटिस जारी किया, जिसमें मुकदमे में अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश की मांग की गई। उन्होंने संबंधित लेखों को हटाने की मांग की।
मामला अब 16 दिसंबर को सूचीबद्ध है, जब न्यायालय अंतरिम आदेश पारित करने पर विचार करेगा। रेड्डी का प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन ने किया।
मुकदमे में प्रतिवादी मीडिया आउटलेट हैं- उषोदय एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, एम. नागेश्वर राव (संपादक, ईनाडु प्रकाशन), आमोदा प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड (आंध्र ज्योति के प्रकाशक), एन. राहुल कुमार (संपादक, आंध्र ज्योति) और टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड (आजतक समाचार के संचालक)।
प्रकाशनों के टाइटल हैं “अडानी की जगन को रिश्वत: रु. 1,750 करोड़)”, “जगन का भ्रष्टाचार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा”, “जगन-अडानी गठजोड़ कब ... कहां ... क्यों ... कैसे?”, “25 वर्षों में: एसईसी! बोझ 1.JO लाख करोड़”, “जगन-अडानी रिश्वत गाथा”, “भ्रष्टाचार की गुत्थी सुलझ गई! ..”, “जगन पर पीसी एक्ट?”, “वे जो भी करते हैं, वह एक घोटाला है! अगर इसका किसी समझौते से कोई लेना-देना नहीं है, तो वे तीन बार क्यों मिले?”, और “अडानी ने जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की और उन्हें 1750 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की।"
मुकदमे में कहा गया कि रेड्डी के खिलाफ रिश्वत लेने भ्रष्टाचार में लिप्त होने, पक्षपात करने या मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। उनकी प्रतिष्ठा को कम करने के एकमात्र इरादे से लगाए गए।
इसमें आगे कहा गया,
“ये आरोप अपने आप में मानहानिकारक हैं। इनका उद्देश्य जनता को यह गलत संदेश देना है कि वादी किसी तरह कथित भ्रष्टाचार योजनाओं में शामिल है जिनकी अमेरिकी अधिकारी जांच कर रहे हैं।”
इसके अलावा यह दावा किया गया कि रेड्डी को 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने और राज्य पर हजारों करोड़ रुपये के सौर समझौते का बोझ डालने की योजना तैयार करने का आरोप पूरी तरह से झूठा और मानहानिकारक है।
मुकदमे में कहा गया,
"अमेरिका में अभियोग कार्यवाही और एसईसी द्वारा शुरू की गई सिविल मुकदमे की कार्यवाही से संबंधित कानूनी कार्यवाही की रिपोर्टिंग की आड़ में प्रतिवादी वादी के खिलाफ झूठी और निंदनीय सामग्री फैला रहे हैं। यह स्पष्ट है कि रिपोर्टिंग केवल अमेरिका में संबंधित अदालतों के समक्ष न्यायिक कार्यवाही का हिस्सा बनने वाली सामग्री और कार्यवाही की ईमानदारी और सच्चाई से रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं है।"
केस टाइटल: येदुगुरी संदिंती जगन मोहन रेड्डी बनाम उषोदय एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य