ट्रांसफर प्राइसिंग | आर्थिक रूप से बेहतर स्तर पर काम करने वाली संस्थाओं को लागत-प्लस मूल्य निर्धारण पर काम करने वाली संस्थाओं के तुलनीय के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2024-10-25 07:10 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने दोहराया कि उच्च लाभ मार्जिन वाली संस्थाओं को अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए आर्म्स लेंथ प्राइस निर्धारित करने के लिए लागत-प्लस मार्कअप आधार पर काम करने वाली संस्थाओं के तुलनीय के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता।

जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस रविंदर डुडेजा की खंडपीठ ने अपीलकर्ता- कैडेंस डिजाइन की तुलनीय सूची से TCS ई-सर्व इंटरनेशनल लिमिटेड, TCS ई-सर्व और इंफोसिस बीपीओ लिमिटेड को बाहर करने का आदेश दिया।

अपीलकर्ता ने प्रस्तुत किया कि वह लागत-प्लस मूल्य निर्धारण पर काम करता है, लेकिन तीनों तुलनीय कंपनियां अपने ब्रांड मूल्य के कारण उच्च लाभ कमाती हैं। यह भी प्रस्तुत किया गया कि ये कंपनिया ब्रांड निर्माण और विज्ञापन में भारी व्यय करती हैं जबकि कैडेंस द्वारा अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए कोई लागत नहीं उठाई जाती।

इस बीच ट्रांसफर मूल्य निर्धारण अधिकारी, विवाद समाधान पैनल और आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल ने एएलपी निर्धारण के संबंध में तीनों कंपनियों को तुलनीय के रूप में शामिल करने के लिए सुसंगत दृष्टिकोण अपनाया था।

हाईकोर्ट ने नोट किया कि जहां तक ​​TCS ई-सर्व और इंफोसिस बीपीओ लिमिटेड का संबंध है, ITAT ने स्वयं ही बाद के मूल्यांकन वर्ष में अपीलकर्ता की तुलनीय कंपनियों की सूची से दोनों संस्थाओं को बाहर कर दिया था। TCS ई-सर्व इंटरनेशनल को टीपीओ द्वारा ही विचार से बाहर रखा गया।

उन्होंने टिप्पणी की,

“इस न्यायालय द्वारा PCIT बनाम इवैल्यूसर्व सेज (गुड़गांव) प्राइवेट लिमिटेड में दिए गए बाद के निर्णय को ध्यान में रखते हुए प्रश्नगत तीनों तुलनीय कंपनियों को बाहर करना स्पष्ट रूप से स्वीकार्य होगा।”

इवैल्यूसर्व सेज (सुप्रा) में दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में माना कि TCS ई-सर्व लिमिटेड; TCS ई-सर्व इंटरनेशनल लिमिटेड और मेसर्स इंफोसिस बीपीओ लिमिटेड को बाहर रखा गया, क्योंकि ये संस्थाएं आर्थिक रूप से उच्च स्तर पर संचालित होती थीं, जबकि इवैल्यूसर्व मूल्य जोखिम के संपर्क में है।

हाईकोर्ट ने प्रधान आयकर आयुक्त बनाम बीसी मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (2017) पर भी भरोसा किया, जहां टाटा कंसल्टेंसी सर्विस लिमिटेड के साथ जुड़ाव के कारण TCS ई-सर्व के उच्च लाभप्रदता का हवाला देते हुए इसके बहिष्कार को बरकरार रखा गया, जो उच्च ब्रांड मूल्य का था।

तदनुसार, अपील को अनुमति दी गई। न्यायालय ने तीनों कंपनियों को तुलनीय सूची से बाहर करने का आदेश दिया।

केस टाइटल: कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स (भारत) बनाम आयकर उपायुक्त

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