Swati Maliwal Assault Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी विभव कुमार को जमानत देने से किया इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी विभव कुमार को कथित स्वाति मालीवाल हमला मामले में जमानत देने से इनकार किया।
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने आरोपों की प्रकृति और गंभीरता तथा इस आशंका को ध्यान में रखते हुए कि वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं, इसलिए कुमार की जमानत याचिका खारिज की।
अदालत ने कहा कि इस स्तर पर इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि कुमार गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं तथा सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
कुमार की ओर से सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन पेश हुए। दिल्ली पुलिस की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय जैन पेश हुए।
कुमार को 27 मई को ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने से मना किया था। उनकी दूसरी नियमित जमानत याचिका को 07 जून को सत्र न्यायालय ने खारिज किया था।
जमानत याचिका एडवोकेट करण शर्मा और रजत भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई।
कुमार का कहना था कि यह आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और जांच में धांधली का क्लासिक मामला है, क्योंकि उन्होंने और मालीवाल ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन केवल इसी मामले की जांच की जा रही है।
कुमार के अनुसार ऐसा इसलिए है, क्योंकि मालीवाल संसद सदस्य होने के नाते प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मालीवाल द्वारा उल्लंघन के बारे में उनकी शिकायत के आधार पर कोई जांच नहीं की जा रही है।
जमानत अस्वीकृति आदेश पारित करते समय एल.डी. एएसजे इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहे कि उपरोक्त एफआईआर से संबंधित सभी साक्ष्य जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए हैं।
याचिका में कहा गया कि क्योंकि कुमार को झूठे और तुच्छ मामलों में फंसाने की धमकी दी गई थी इसलिए उन्होंने गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं, इसलिए याचिकाकर्ता की हिरासत की आवश्यकता नहीं है। उसे न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
इसमें आगे कहा गया कि कुमार को झूठे और तुच्छ मामलों में फंसाने की धमकी दी गई थी और मालीवाल की एफआईआर शिकायतकर्ता की नापाक मंशा का परिणाम है। इससे पहले, कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी।
जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने इस महीने की शुरुआत में याचिका पर नोटिस जारी किया था। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि कुमार हमेशा जांच के दौरान असहयोगी रहे हैं और सवालों के जवाब टाल-मटोल वाले देते रहे हैं।
यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया, जो सच्चाई को उजागर करने के लिए जांच में महत्वपूर्ण जानकारी है। मलीवाल ने आरोप लगाया कि जब वह 13 मई को केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गईं तो कुमार ने उन पर हमला किया।
केस टाइटल- बिभव कुमार बनाम दिल्ली राज्य