मनीष सिसोदिया ने ED के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी, जिसमें कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ ED के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया गया।
जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने ED से याचिका पर जवाब देने को कहा और मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को तय की। इसी दिन AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल की इसी तरह की याचिका भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
सिसोदिया ने इस आधार पर आदेश को चुनौती दी है कि मामले में ED ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनिवार्य मंजूरी नहीं ली।
सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी केजरीवाल की ओर से पेश हुए। ED का प्रतिनिधित्व विशेष वकील जोहेब हुसैन ने किया।
हाल ही में न्यायालय ने मंजूरी के अभाव में आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किया।
एक अन्य घटनाक्रम में जस्टिस ओहरी ने एयरसेल मैक्सिस मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उन्होंने इसी आधार पर ED के आरोपपत्र के संज्ञान को चुनौती दी थी।
सिसोदिया को कथित शराब घोटाले से संबंधित ED और CBI दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी। उन्हें पहली बार पिछले साल 26 फरवरी और 9 मार्च को क्रमशः CBI और ED ने गिरफ्तार किया। CBI द्वारा दर्ज की गई FIR में सिसोदिया और अन्य पर 2021-22 की आबकारी नीति के बारे में सिफारिश' करने और 'निर्णय लेने' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया, बिना सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के, जिसका उद्देश्य लाइसेंसधारी को निविदा के बाद अनुचित लाभ पहुंचाना था।
केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया कि AAP नेता को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने सबूतों के सामने आने के बावजूद टालमटोल वाले जवाब दिए और जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोप लगाया कि आबकारी नीति को कुछ निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत लागू किया गया। हालांकि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के विवरण में ऐसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया था।
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि विजय नायर और अन्य व्यक्तियों द्वारा साउथ ग्रुप के साथ मिलकर थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने की साजिश रची गई। एजेंसी के अनुसार, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से काम कर रहा था।
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