दिल्ली हाईकोर्ट ने टेस्ला के ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले को मध्यस्थता लिए भेजा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुग्राम स्थित कंपनी, टेस्ला पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके अमेरिकी समकक्ष के खिलाफ एलन मस्क के स्वामित्व वाली टेस्ला इंक द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे को मध्यस्थता के लिए संदर्भित किया है।
जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने चार जुलाई को पारित एक आदेश में कहा, ''दोनों पक्षों की सहमति से मामला दिल्ली हाईकोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र को भेजा जाता है, जिसे वरिष्ठ मध्यस्थ के पास भेजा जाता है।
अदालत ने दोनों पक्षों को 18 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट मध्यस्थता और सुलह केंद्र के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
प्रतिवादियों की ओर से पेश एडवोकेट जे साई दीपक ने कहा कि वे मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
टेस्ला की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट चंदर एम. लाल ने अदालत से कहा कि अगर मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है
मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।
टेस्ला ने ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर करते हुए आरोप लगाया कि प्रतिवादी वर्णनात्मक वाक्यांश 'पावर यूएसए' के अलावा अपने ट्रेडमार्क 'टेसला' का पूरी तरह से उपयोग कर रहे थे।
प्रतिवादियों ने पहले अदालत को बताया कि उनका व्यवसाय मुख्य रूप से 'लीड एसिड बैटरी' में था, जिसकी आपूर्ति ऑटोमोबाइल, इनवर्टर, यूपीएस के लिए की जाती है और वे किसी भी प्रकृति के इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण नहीं करते हैं।
यह भी कहा गया कि प्रतिवादियों का ईवी बनाने का कोई इरादा नहीं था और वे अन्य संस्थाओं के ईवी के साथ-साथ अपने ट्रेडमार्क और ट्रेडनेम 'टेस्ला पावर यूएसए' और या किसी अन्य ब्रांड के भ्रामक रूप से समान या 'टेस्ला' शब्द का उपयोग नहीं करेंगे।
उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया था कि प्रतिवादी अपने ब्रांड नाम या ट्रेडनेम के तहत ईवी वाहनों के संबंध में कोई प्रचार विज्ञापन या सामग्री जारी नहीं करेंगे।
प्रतिवादियों ने वचन दिया था कि वे 'टेसला' के पंजीकृत उपकरण या लोगो का उपयोग नहीं करेंगे।
उक्त वचन का अभी भी प्रतिवादियों द्वारा पालन किया जा रहा है।