दिल्ली दंगे: IB कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या मामले में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया

Update: 2024-12-24 07:29 GMT

आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने मंगलवार (24 दिसंबर) को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।

जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने हुसैन की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।

हुसैन की नियमित जमानत याचिका को परिस्थितियों में भौतिक परिवर्तन की कमी के कारण ट्रायल कोर्ट ने 03 दिसंबर को खारिज कर दिया था।

हाईकोर्ट के समक्ष हुसैन ने तर्क दिया है कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने के सिद्धांत की पूरी तरह से अवहेलना की। खासकर इस तथ्य के मद्देनजर कि वह लंबे समय तक कारावास में रहा है और यह संभावना नहीं है कि मुकदमा जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

ताहिर ने प्रस्तुत किया है कि आज की तारीख तक उसने हिरासत में 4 साल और 9 महीने पूरे कर लिए हैं।

उनका कहना है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष अब तक अभियोजन पक्ष के 20 गवाहों से पूछताछ की गई, जिनमें से अधिकांश कथित सार्वजनिक चश्मदीदों ने या तो अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया या उनकी गवाही अदालत का भरोसा जीतने में विफल रही है।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दंगाई भीड़ में कथित रूप से शामिल और हत्या के अपराध को अंजाम देने वाले सह-आरोपी व्यक्तियों को पहले ही हाईकोर्ट द्वारा जमानत दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहा कि FIR में अन्य सह-आरोपी व्यक्तियों की तुलना में उनके खिलाफ आरोप बहुत कम हैं।

जमानत याचिका एडवोकेट तारा नरूला, सोनल सारदा, शिवांगी शर्मा और नोयोनिका के माध्यम से दायर की गई।

मृतक के पिता द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दयालपुर पुलिस स्टेशन में FIR 65/2020 दर्ज की गई।

दंगों के दौरान उनका बेटा लापता हो गया तब उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकित का शव बाद में एक नाले से बरामद किया गया। जीटीबी अस्पताल ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शिकायतकर्ता का बेटा अंकित शर्मा जो इंटेलिजेंस ब्यूरो में कार्यरत था, किराने का सामान और सामान्य घरेलू सामान खरीदने के लिए उक्त तिथि को शाम करीब 5 बजे अपने घर से निकला था। हालांकि वह कई घंटों के बाद भी घर नहीं लौटा।

बाद में उसका शव चांद बाग पुलिया के पास एक नाले में पड़ा मिला। उसके सिर, चेहरे, छाती, पीठ और कमर पर तेज चोटें आई थीं।

इसके बाद शिकायतकर्ता ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि उसे पक्का संदेह है कि उसके बेटे की हत्या मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन और उसके साथियों ने की है।

मृतक अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि धारदार हथियार और कुंद बल के कारण 51 चोटें आईं।

पिछले साल मार्च में ट्रायल कोर्ट ने ताहिर हुसैन, हसीन, नाजिम, कासिम, समीर खान, अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम और मुंतजिम के खिलाफ आरोप तय किए थे।

भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 147, 148, 153ए, 302, 365, 120बी, 149, 188 और 153ए के तहत आरोप तय किए गए। हुसैन पर आईपीसी की धारा 505, 109 और 114 के तहत भी आरोप लगाए गए। आरोपी नाजिम पर आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत भी आरोप लगाए गए।

केस टाइटल: ताहिर हुसैन बनाम राज्य

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