Liquor Policy: गिरफ्तारी और ED रिमांड को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर कल होगी सुनवाई

Update: 2024-03-26 10:07 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट कथित शराब नीति घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और छह दिन की रिमांड को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर कल यानी बुधवार को सुनवाई करेगा।

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा मामले की सुनवाई कल सुबह 10:30 बजे करेंगी।

केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। अगले दिन ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ED की हिरासत में भेज दिया।

आम आदमी पार्टी (AAP) की कानूनी टीम के अनुसार, याचिका में कहा गया कि गिरफ्तारी और रिमांड अवैध है। इसलिए केजरीवाल तुरंत रिहा होने के हकदार हैं।

केजरीवाल को केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया, जिसके कुछ घंटों बाद दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उन्हें दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण देने के आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल ने ED द्वारा उन्हें जारी किए गए नौ समन को नजरअंदाज किया था। इस मामले में AAP के नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह भी आरोपी हैं। ये दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

अपनी गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने तुरंत गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तत्काल याचिका दायर की थी। हालांकि, इसे वापस ले लिया गया।

इसके अलावा, उन्होंने पहले केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए आवेदन भी दायर किया।

मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को तय की गई।

इससे पहले, ED ने केजरीवाल के खिलाफ शहर के राउज एवेन्यू कोर्ट में दो आपराधिक शिकायतें दर्ज कीं, जिसमें उन पर समन का पालन न करने का आरोप लगाया गया। केजरीवाल ने समन को गैरकानूनी बताते हुए नजरअंदाज कर दिया था।

ED ने आरोप लगाया कि कुछ निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत उत्पाद शुल्क नीति लागू की गई। हालांकि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के मिनटों में ऐसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया। ED ने आरोप लगाया कि केजरीवाल "सरगना" हैं।

केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा साजिश रची गई।

एजेंसी के मुताबिक, नायर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया की ओर से काम कर रहे थे।

केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल बनाम प्रवर्तन निदेशालय

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