दिल्ली हाईकोर्ट ने च्यवनप्राश के अपमानजनक विज्ञापनों पर डाबर की ताजा निषेधाज्ञा याचिका पर पतंजलि से जवाब मांगा

Update: 2025-01-10 09:04 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (10 जनवरी) को पतंजलि आयुर्वेद से डाबर द्वारा दायर ताजा निषेधाज्ञा याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया कि डाबर उसके च्यवनप्राश उत्पाद के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन चला रहा है।

पिछले साल 24 दिसंबर को इस मुकदमे में समन जारी किया गया। साथ ही विज्ञापनों के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा मांगने वाली डाबर की अर्जी पर नोटिस भी जारी किया गया।

डाबर द्वारा ताजा निषेधाज्ञा आवेदन दायर किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि समन जारी होने के बाद पतंजलि ने पिछले एक सप्ताह में अपने उत्पाद के खिलाफ 6,182 विज्ञापन चलाए।

डाबर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी ने जस्टिस मिनी पुष्करणा के समक्ष प्रस्तुत किया कि पतंजलि ने विज्ञापनों में दावा किया कि उसका उत्पाद 51 से अधिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करके बनाया गया, जबकि केवल 47 जड़ी-बूटियों का उपयोग किया गया।

सेठी ने कहा कि पतंजलि उत्पाद में पारा का उपयोग कर रही है, जो बच्चों के खाने के लिए उपयुक्त नहीं है।

यह भी प्रस्तुत किया गया कि पतंजलि के विज्ञापन में विशेष रूप से 40 जड़ी-बूटियों का उपयोग करके बनाए गए डाबर के उत्पाद को साधारण बताया गया।

सेठी ने न्यायालय का ध्यान डाबर के उत्पाद की ओर आकर्षित किया, जिसमें कहा गया कि यह 40 से अधिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करके बनाया गया। उन्होंने प्रस्तुत किया कि पतंजलि द्वारा 40 जड़ी-बूटियों का उपयोग करके बनाए गए उत्पाद का उल्लेख स्पष्ट रूप से डाबर को संदर्भित करता है, जो उत्पाद में बाजार की अग्रणी कंपनी है और जिसकी बाजार हिस्सेदारी 60% से अधिक है।

उन्होंने कहा,

"वे हमें साधारण कहते हैं। वे बाजार की अग्रणी कंपनी को साधारण बना देते हैं।"

सेठी ने आगे कहा कि पतंजलि द्वारा डाबर को साधारण कहकर अपमान किया जा रहा है, मानो यह दिखाना हो कि डाबर ही एकमात्र कंपनी है, जो नियमों का पालन करती है, न कि डाबर।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पतंजलि द्वारा अपने उत्पाद में इस्तेमाल की गई जड़ी-बूटियों की गलत संख्या दिखाने के लिए गलत बयानी की गई।

पतंजलि की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट जयंत मेहता ने दूसरे अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन पर कड़ी आपत्ति जताई। सेठी द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों को अस्वीकार करते हुए मेहता ने कहा कि पतंजलि के उत्पाद में इस्तेमाल की गई सभी सामग्रियां निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार हैं और मानव उपभोग के लिए उपयुक्त हैं।

अदालत ने दूसरे अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन पर नोटिस जारी किया और पतंजलि से जवाब मांगा। इसने दोनों आवेदनों को 20 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

केस टाइटल: डाबर इंडिया लिमिटेड बनाम पतंजलि आयुर्वेद

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