दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया-विस्तारा विलय में सांठगांठ का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में विस्तारा एयरलाइंस और एयर इंडिया लिमिटेड के विलय के खिलाफ याचिका खारिज की। उक्त याचिका में सांठगांठ और बोली में हेराफेरी के आरोप लगाए गए।
जस्टिस संजीव नरूला ने एयर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन दीपक कुमार की याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोप निराधार हैं और किसी भी सबूत से समर्थित नहीं हैं।
न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा पारित आदेश बरकरार रखा, जिसमें कुमार की विलय के खिलाफ याचिका खारिज कर दी, जिसमें आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं होने का उल्लेख किया गया।
याचिका खारिज करते हुए जस्टिस नरूला ने कहा कि याचिका में प्रधानमंत्री और पूर्व सीजेआई के खिलाफ कई निराधार, बेबुनियाद और निंदनीय आरोप शामिल हैं, जिनमें से किसी का भी दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा समर्थन नहीं किया गया।
अदालत ने हाल ही में खंडपीठ द्वारा दिए गए आदेश का हवाला दिया, जिसमें कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लापरवाह आरोप लगाने वाली याचिका दायर करने के लिए फटकार लगाई गई थी।
अदालत ने कहा,
"यह मामला निराधार और लापरवाह आरोप लगाने के पैटर्न से कोई विचलन नहीं दिखाता है, जैसा कि पूर्वोक्त आदेश में देखा गया। ये आरोप, जो न केवल सबूतों द्वारा समर्थित नहीं हैं बल्कि दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होते हैं, न्यायिक प्रक्रिया की अखंडता को कमजोर करते हैं।"
इसने कहा कि कुमार के दावे सत्य की परवाह किए बिना किए गए थे और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें हेरफेर या गुमराह करने के लिए डिज़ाइन किया गया।
न्यायालय ने कहा,
"यह दृष्टिकोण न केवल याचिकाकर्ता की विश्वसनीयता को बदनाम करता है, बल्कि कानूनी प्रणाली पर अनावश्यक रूप से बोझ भी डालता है। इसलिए न्यायालय के विचार में किसी भी पुष्ट दावे की अनुपस्थिति और आरोपों के पीछे स्पष्ट दुर्भावनापूर्ण इरादे को देखते हुए, वर्तमान याचिका में कोई दम नहीं है।”
केस टाइटल- कैप्टन दीपक कुमार बनाम भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य।