दिल्ली हाईकोर्ट ने EOW की एफआईआर रद्द करने के बाद अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी के खिलाफ LOC रद्द की

Update: 2024-11-12 10:53 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने कल BharatPe के प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द करने का आदेश दिया, जो पिछले साल दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के बाद जारी किया गया था।

जस्टिस संजीव नरूला ने यह आदेश तब पारित किया, जब उन्हें सूचित किया गया कि समन्वय पीठ ने कल एफआईआर को रद्द कर दिया है। ग्रोवर ने हाल ही में फिनटेक कंपनी के साथ विवादों के निपटारे के आधार पर एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।

कोर्ट ने कहा, “हालांकि आदेश की प्रति अभी उपलब्ध नहीं है, फिर भी, पक्षों के वकील द्वारा उपर्युक्त तथ्य पर विवाद नहीं किया गया है।”

आदेश में आगे कहा गया, “इस तथ्य के मद्देनजर कि अंतर्निहित एफआईआर को रद्द कर दिया गया है, न्यायालय की राय में प्रतिवादी संख्या 3 द्वारा जारी एलओसी कायम नहीं रहेगी। तदनुसार, वर्तमान याचिकाओं का निपटारा प्रतिवादियों को यह निर्देश देते हुए किया जाता है कि वे अपने रिकॉर्ड में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ एलओसी को रद्द करें।

एलओसी दिल्ली पुलिस के ईओडब्ल्यू के कहने पर आव्रजन ब्यूरो द्वारा जारी किया गया था।

ईओडब्ल्यू की एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका ग्रोवर और अन्य द्वारा दायर की गई थी। एफआईआर भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज की गई थी।

यह BharatPe द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। आरोप लगाया गया था कि धन की हेराफेरी की गई थी और फिनटेक कंपनी को लगभग 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

मामले में आरोपी माधुरी जैन ग्रोवर, अशनीर ग्रोवर, दीपक जगदीशराम गुप्ता, श्वेतांक जैन और सुरेश जैन थे।

ग्रोवर और अन्य की ओर से पेश हुए वकील ने समन्वय पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया था कि 30 सितंबर को हुए समझौता समझौते के तहत दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझ गया था।

केस टाइटलः अशनीर ग्रोवर बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य तथा अन्य संबंधित मामले

आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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