पहले आप याचिका में अपनी गलतियां सुधारें: दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP नेता सोमनाथ भारती से BJP सांसद बांसुरी स्वराज के निर्वाचन को चुनौती देने पर कहा

Update: 2024-07-22 07:14 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बांसुरी स्वराज के निर्वाचन को 'भ्रष्ट आचरण' के आधार पर चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 13 अगस्त तक के लिए स्थगित की।

जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि याचिका में कई टाइपोग्राफिकल त्रुटियां हैं और एक सुधारात्मक याचिका दायर करनी होगी।

जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने भारती के वकील से कहा,

"यह गलतियों से भरा है। बहुत सारी गलतियां हैं। पहले याचिका को सुधारें। मैं नोटिस जारी नहीं कर सकता। मैं बस इसे स्थगित कर दूंगा। कृपया सुधारात्मक याचिका दायर करें।"

अदालत ने कहा कि याचिका में प्रतिवादियों का संदर्भ पार्टियों के ज्ञापन में उल्लिखित प्रतिवादियों से मेल नहीं खाता।

भारती के वकील ने कहा कि 10 दिनों में सही याचिका दायर की जाएगी, जिसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई। भारती ने भी इस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन 04 जून को रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें हारा हुआ घोषित कर दिया। याचिका के अनुसार, भारती को 374815 वोट मिले, जबकि स्वराज को 453185 वोट मिले।

AAP नेता ने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार राज कुमार आनंद को वास्तव में BJP ने स्वराज को भारती के खिलाफ जिताने के लिए खड़ा किया था। उन्होंने दावा किया कि आनंद राष्ट्रीय राजधानी में AAP सरकार में मंत्री हैं और 09 अप्रैल तक उनके लिए प्रचार में सक्रिय थे, लेकिन उन्होंने 10 अप्रैल को अचानक पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

चुनाव याचिका में कहा गया,

"उन्होंने प्रतिवादी नंबर 3 (रिटर्निंग ऑफिसर) और उनकी पार्टी द्वारा उनके खिलाफ ED/CBI/IT जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण अपने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया।"

याचिका में कहा गया कि चुनाव के दिन भारती यह देखकर हैरान रह गईं कि स्वराज के बूथ एजेंटों के पास उनके मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले पर्चे थे और वे मतदाताओं को दिखा रहे थे और उनसे उनके मतपत्र के लिए वोट देने के लिए कह रहे थे। भारती के अनुसार, इस तरह का कृत्य आपराधिक कृत्य है।

कई लोगों ने देखा कि कुछ BJP कार्यकर्ता इलाके के कुछ निवासियों को पैसे और साड़ी तथा सूट जैसी सामग्री बांट रहे थे। वे घर-घर जाकर घर के नंबर, उस घर में रहने वाले मतदाताओं की मतदाता सूची से जांच कर रहे थे। प्रत्येक घर में मतदाताओं के बारे में खुद को संतुष्ट करने के बाद उक्त व्यक्ति मतदाता सूची में नाम अंकित कर रहे थे।"

इसमें कहा गया कि BJP का पूरा चुनाव अभियान और खासकर उनका अभियान धार्मिक प्रकृति का था और धर्म के निषिद्ध आधार पर वोट मांगे गए।

भारती ने कानून के अनुसार, छह साल की अवधि के लिए किसी भी राज्य विधानसभा या संसद के लिए कोई भी चुनाव लड़ने से स्वराज को अयोग्य ठहराने की मांग की।

केस टाइटल: सोमनाथ भारती बनाम बांसुरी स्वराज और अन्य

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