दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 साल बाद सिर पर चोट के मामले में दो लोगों को दोषी ठहराया

Update: 2024-08-26 06:44 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में दो लोगों को बरी करने का रद्द करते हुए उन्हें 15 साल से अधिक समय के बाद दोषी ठहराया है, क्योंकि उन्होंने एक व्यक्ति के सिर पर जानबूझकर किसी नुकीली चीज से चोट पहुंचाई थी, जिससे उसकी मौत हो सकती थी।

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने 01 अक्टूबर, 2008 को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित बरी करने का आदेश रद्द कर दिया और दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 308 और 34 के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया।

पीड़ित की शिकायत पर 2006 में एफआईआर दर्ज की गई, जो हमले के कारण बेहोश हो गया था और उसके सिर पर 21 टांके लगे थे।

अभियोजन पक्ष ने बरी करने के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि गवाहों की गवाही ने घटना को उचित संदेह से परे साबित कर दिया और ट्रायल कोर्ट ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया कि शिकायतकर्ता द्वारा अपराध के हथियार की पहचान करने में असमर्थता समझ में आती है, क्योंकि उसके सिर पर पीछे से वार किया गया।

जस्टिस कृष्णा ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही के मद्देनजर घटना और शिकायतकर्ता को लगी चोट संदेह से परे साबित होती है।

अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता को जिस तरह से चोट पहुंचाई गई, वह अभियोजन पक्ष द्वारा पूरी तरह से साबित किया गया।

अब इस मामले में सजा पर बहस के लिए 30 अगस्त को सुनवाई होगी।

केस टाइटल- राज्य बनाम मोहित कुमार एवं अन्य

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