अरविंद केजरीवाल ने CBI मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2024-07-03 09:22 GMT

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े CBI मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।

गौरतलब है कि केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट का रुख किए बिना जमानत के लिए सीधे हाईकोर्ट का रुख किया।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष एडवोकेट रजत भारद्वाज ने मामले का उल्लेख किया, जिसने 05 जुलाई के लिए तत्काल सुनवाई की अनुमति दी।

भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल को CBI ने सीआरपीसी की धारा 41 का अनुपालन किए बिना अवैध हिरासत में लिया।

केजरीवाल कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।

मुख्यमंत्री को 26 जून को वेकेशनल जज अमिताभ रावत ने तीन दिनों के लिए CBI हिरासत में भेज दिया, उन्होंने कहा कि इस स्तर पर गिरफ्तारी को अवैध नहीं कहा जा सकता।

हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध नहीं है, लेकिन CBI को अति उत्साही नहीं होना चाहिए।

बाद में 29 जून को वेकेशनल जज सुनैना शर्मा ने केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि CBI ने इस समय उनकी और रिमांड की मांग नहीं की थी।

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने मंगलवार को CBI की गिरफ्तारी और तीन दिन की पुलिस हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किया।

मामले की सुनवाई 17 जून को तय की गई।

पिछले सप्ताह जांच एजेंसी ने तिहाड़ जेल में मुख्यमंत्री से पूछताछ की, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांचे जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

केजरीवाल का बयान दर्ज किया गया। यह दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पीएमएलए मामले में मुख्यमंत्री को दी गई जमानत पर रोक लगाने के कुछ घंटों बाद हुआ।

अदालत की अनुमति के बाद CBI ने 26 जून को अदालत में केजरीवाल से पूछताछ की और फिर मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।

केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया। मई में उन्हें आम चुनावों के मद्देनजर 01 जून तक के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी। उन्होंने 2 जून को आत्मसमर्पण कर दिया।

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