दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उन्हें जारी किए गए नौ समन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
ED ने केजरीवाल के खिलाफ शहर के राउज एवेन्यू कोर्ट में दो आपराधिक शिकायतें दर्ज कीं, जिसमें उन पर समन का अनुपालन न करने का आरोप लगाया गया।
पिछले हफ्ते, केजरीवाल एसीएमएम अदालत में पेश हुए और उन्हें 15,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि देने की शर्त पर जमानत दे दी गई। उस मामले को 01 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
ED ने अपनी शिकायतों में आरोप लगाया कि केजरीवाल उन्हें जारी किए गए समन का पालन करने में विफल रहे।
केजरीवाल ने समन को गैरकानूनी बताते हुए नजरअंदाज किया। हालांकि, उन्होंने हाल ही में ED को सूचित किया कि उनसे 12 मार्च के बाद वीडियोकांफ्रेंसिंग लिंक के जरिए पूछताछ की जा सकती है।
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं।
ED ने आरोप लगाया कि कुछ निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत उत्पाद शुल्क नीति लागू की गई। हालांकि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के मिनटों में ऐसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।
केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा साजिश रची गई।
एजेंसी के मुताबिक, नायर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया की ओर से काम कर रहे थे।
केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल बनाम प्रवर्तन निदेशालय