2024 के लोकसभा चुनावों के CCTV फुटेज अब जिला चुनाव अधिकारियों के पास नहीं हैं, नष्ट कर दिए गए: ECI ने हाईकोर्ट को बताया

Update: 2025-11-12 05:30 GMT

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के CCTV फुटेज अब राष्ट्रीय राजधानी के सात जिला चुनाव अधिकारियों (DEO) के पास नहीं हैं क्योंकि वे नष्ट कर दिए गए।

जस्टिस मिनी पुष्करणा ने पिछले साल एडवोकेट महमूद प्राचा द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह बयान रिकॉर्ड में लिया, जिसमें वीडियो फुटेज को संरक्षित करने की मांग की गई।

यह आवेदन 2024 के चुनावों के संबंध में पूरे भारत में मतदान केंद्रों के अंदर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी डेटा की मांग करते हुए दायर किया गया।

अपनी याचिका में प्राचा ने चुनाव आयोग को भारत भर के सभी जिला चुनाव अधिकारियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और CCTV कवरेज उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

प्राचा के अनुसार, फुटेज में प्रथम स्तर की जांच से लेकर मतगणना प्रक्रिया समाप्त होने के बाद EVM-VVPAT मशीनों को सील करने और गोदामों में रखने तक की प्रक्रिया शामिल होनी चाहिए।

अपने आवेदन में उन्होंने प्रार्थना की कि रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान दिल्ली के सभी संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) के पास मौजूद फुटेज को नष्ट न किया जाए।

उन्होंने "रिटर्निंग ऑफिसर के लिए हैंडबुक, 2023" का हवाला दिया और कहा कि चुनाव आयोग को चुनाव की सभी CCTV या वीडियो रिकॉर्डिंग को जिला निर्वाचन अधिकारी की सुरक्षित अभिरक्षा में रखने का निर्देश दिया गया।

दूसरी ओर, चुनाव आयोग के वकील ने दलील दी कि चुनाव आयोग ने 30 मई को नए निर्देश जारी किए, जिसमें पिछले साल 6 सितंबर को प्रकाशित अपने पहले के निर्देशों में संशोधन किया गया, जिसके अनुसार वेबकास्टिंग डेटा और फोटोग्राफी का संरक्षण केवल सीमित अवधि के लिए है।

अदालत ने कहा,

“…आज की स्थिति में याचिकाकर्ता द्वारा मांगा गया डेटा, यानी 2024 के लोकसभा चुनाव से संबंधित वीडियो/CCTV फुटेज अब दिल्ली के जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास नहीं है और पहले ही नष्ट हो चुका है।”

जज ने चुनाव आयोग के रुख के साथ-साथ प्राचा के इस तर्क पर भी गौर किया कि उन्होंने बयान पर आपत्ति जताई और उनके पास कानूनी रास्ता अपनाने का अधिकार है।

प्राचा ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा नए निर्देश केवल उनकी याचिका खारिज करने और सबूतों को नष्ट करने के लिए जारी किए गए। चुनाव आयोग के वकील ने इस तर्क का खंडन किया।

चूंकि चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि प्राचा ने याचिका में नए निर्देशों को चुनौती नहीं दी, इसलिए अदालत ने आदेश दिया:

“उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए इस अदालत द्वारा वर्तमान आवेदन पर फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता। तदनुसार, वर्तमान आवेदन का निपटारा किया जाता है।”

अदालत ने मुख्य याचिका की सुनवाई 13 फ़रवरी, 2026 के लिए सूचीबद्ध की।

Title: MEHMOOD PRACHA v. ELECTION COMMISSION OF INDIA

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