UPRERA बिल्डरों को निर्देश दिया है कि वे स्वीकृत मानचित्र के अनुसार अपनी आवास परियोजनाओं, टावरों और ब्लॉकों का नाम दें
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण ने कार्यालय आदेश जारी कर बिल्डरों को निर्देश दिया है कि वे स्वीकृत मानचित्र के अनुसार अपनी आवास परियोजनाओं, टावरों और ब्लॉकों का नाम दें। यूपीरेरा का यह निर्देश प्राधिकरण द्वारा यह देखे जाने के बाद आया कि विभिन्न बिल्डर अपनी परियोजनाओं का नामकरण मूल रूप से रेरा के साथ पंजीकृत होने से अलग कर रहे थे।
महत्वपूर्ण बिंदु:
लगातार RERA पंजीकरण: बिल्डरों को निदेशित किया गया कि वे अपने सभी प्रोजेक्ट्स को उसी नाम से पंजीकृत करायें जो RERA के द्वारा अनुमति दी गई हो। जिससे होमबॉयर्स के बीच कोई भ्रम न पैदा हो।
विपणन सामग्री में एकरूपता: यह आदेश परियोजना के लिये उन्हीं नामों और इसके टावरों और ब्लॉकों को ब्रोशर और विज्ञापनों में उपयोग करने का आदेश देता है, जैसा कि मानचित्र पर अनुमोदित है। इस उपाय का उद्देश्य परियोजना का सटीक प्रतिनिधित्व प्रदान करना और होमबॉयर्स के बीच गलत धारणाओं को रोकना है।
भूस्वामी के नाम पर मानचित्रों को मंजूरी देना: विकास प्राधिकरणों को भूस्वामियों के नाम से मानचित्रों को मंजूरी देनी चाहिये। यह RERA अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है, जो बिल्डरों को परियोजना भूमि पर शीर्षक रखने का आदेश देता है।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि यूपी-रेरा को परियोजनाओं की पूर्णता स्थिति का निर्धारण करने और परियोजना खाता बंद करने के लिए बिल्डर आवेदनों को संसाधित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। ये चुनौतियां पंजीकृत परियोजनाओं और टावरों के नामों और अधिभोग प्रमाणपत्र (Occupancy Certificate) या पूर्णता प्रमाणपत्र (Completion Certificate) में दर्शाए गए टावरों के नामों के बीच असमानताओं से उपजी हैं।
इसके अलावा, श्री संजय भूषण रेड्डी (अध्यक्ष) ने कहा कि वह सभी प्रमोटरों और विकास प्राधिकरणों से इन निर्देशों का पालन करने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने घर खरीदारों और अन्य हितधारकों के मुद्दों को संबोधित करने के लिए UPRERA की प्रतिबद्धता दोहराई।