स्टडी मटीरियल और लाइव क्लासेस न देने पर BYJU'S को उपभोक्ता आयोग ने ठहराया दोषी, ₹80,000 लौटाने का आदेश
चंडीगढ़ स्थित जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने ऑनलाइन शिक्षा प्रदाता कंपनी BYJU'S को उपभोक्ता को वादा की गई शैक्षणिक सेवाएं न देने और समय पर की गई कैंसिलेशन तथा रिफंड रिक्वेस्ट को न मानने के लिए सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराया है। आयोग की पीठ—अध्यक्ष अमरीन्दर सिंह सिद्धू और सदस्य बी.एम. शर्मा—ने कंपनी को शिकायतकर्ता को ₹80,000 राशि 9% ब्याज सहित लौटाने और ₹20,000 मुआवजे के रूप में देने का निर्देश दिया।
मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता डॉ. राजेश तायल ने BYJU'S की काउंसलर के आश्वासन पर अपनी बेटी को कक्षा 9 से 12 तक के चार वर्षीय पैकेज में नामांकित किया था, जिसमें NEET तैयारी, लाइव क्लासेस, स्टडी मटीरियल और एक टैबलेट शामिल बताया गया था। ₹80,000 की पूरी फीस चुकाने के बाद शिकायतकर्ता को सिर्फ दो SD कार्ड (कक्षा 10 व 11) भेजे गए, जबकि कक्षा 9 का कंटेंट, किताबें, लाइव क्लासेस और टैबलेट उपलब्ध नहीं कराया गया।
शिकायतकर्ता ने कंपनी से बार-बार संपर्क कर समाधान तलाशा और 15 नवंबर 2022 को ईमेल के जरिए कोर्स कैंसिल करके पूरी राशि वापस करने का अनुरोध भी किया, लेकिन BYJU'S ने न तो सेवाएं उपलब्ध कराईं और न ही भुगतान लौटाया। जनवरी 2023 में टैबलेट भेजा गया, परंतु लाइव क्लासेस कभी सक्रिय नहीं हुईं, जिससे वह भी उपयोगी नहीं रहा।
BYJU'S ने आयोग के समक्ष दावा किया कि रिफंड पॉलिसी की 15-दिन अवधि खत्म होने के बाद रिफंड संभव नहीं था, जबकि उन्होंने "गुडविल" के तहत भुगतान लौटाने की कोशिश की, पर शिकायतकर्ता के बैंक विवरण न देने से रिफंड नहीं हो पाया। आयोग ने कंपनी की इस दलील को ठोस साक्ष्य के अभाव में अस्वीकार कर दिया।
आयोग ने कहा कि BYJU'S न तो वादा की गई सेवाएं दे पाया और न ही उपभोक्ता की शिकायत का न्यायपूर्ण समाधान किया। साथ ही, NCDRC के स्थापित निर्णयों का हवाला देते हुए आयोग ने दोहराया कि निजी कोचिंग संस्थान उपभोक्ता को सेवाएं न देने की स्थिति में शुल्क लौटाने के लिए बाध्य होते हैं।
आयोग ने BYJU'S के रवैये को स्पष्ट रूप से सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार मानते हुए शिकायत आंशिक रूप से स्वीकार की और कंपनी को आदेश दिया कि वह 45 दिनों के भीतर आदेश का अनुपालन करे।