पति ने पत्नी का गलत पता देकर ले ली तलाक की डिक्री, हाईकोर्ट का निर्देश, नए सिरे से करें केस की सुनवाई
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक पति को मिली एकपक्षीय (ex-parte) तलाक की डिक्री को पलट दिया है और मामले को नए सिरे से विचार के लिए परिवार न्यायालय (family court) में वापस भेज दिया है, क्योंकि यह पाया गया कि पति ने पत्नी के गलत पते का विवरण दिया था, जिससे उसकी तलाक की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए पत्नी अदालत न आ सके।
पत्नी ने उच्च न्यायालय के समक्ष यह दलील दी कि, "चूंकि अपीलार्थी का पैतृक घर राजस्थान राज्य के शिरोनी में है, इसलिए वह वहां गई और उसने दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन (Restitution of conjugal rights) के लिए याचिका दायर की। उक्त याचिका दायर करने के बाद उसे यह पता चला कि उसके पति ने तलाक की डिक्री ले ली है।"
इसके आगे तर्क दिया गया कि, "उसने उक्त कार्यवाही में निर्णय की प्रमाणित प्रति प्राप्त की और पता चला कि पति ने पत्नी का गलत पता देकर वैवाहिक मामला दायर किया था, जहां 'शिरोनी' अपीलकर्ता का निवास है, उसे गलत तरीके से 'सिरोही' दिखाया गया है। नोटिस में 'इनकार किया गया' (Refused) एंडोर्समेंट मिला और पति के द्वारा दायर वैवाहिक मामले को योग्यता के आधार पर सुनकर निपटाया गया। "
उच्च न्यायालय ने अपने पहले के आदेश में पति को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने के लिए कहा था, लेकिन उसके वकील ने अदालत से कहा कि "वह प्रतिवादी/उत्तरदाता के संपर्क में नहीं आ सके। उन्हें दिए गए 2 मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ हैं, इसलिए वह प्रतिवादी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।"