कथित तौर पर महिला के सार्वजनिक अपमान के बाद पत्नी और पति ने आत्महत्या कीः त्रिपुरा हाईकोर्ट ने एसआईटी जांच के आदेश दिए
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है,जिसमें एक युवती को कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया था और उसके साथ मारपीट की गई थी, जिसके कारण कथित तौर पर कुछ दिनों बाद इस महिला ने आत्महत्या कर ली थी।
मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति एस. तलापात्रा की खंडपीठ ने गुरुवार (6 मई) को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित एक समाचार पर स्वतः संज्ञान लिया था,जिसमें बताया गया था कि एक युवा विवाहित महिला की एक आदमी के साथ बेहद अंतरंग स्थिति वाली वीडियो रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक रूप से दिखाया गया था। इस अपमान और अनादर को सहन करने में असमर्थ रहने पर उस महिला ने आत्महत्या कर ली।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही थी,उसी दौरान महिला के पति ने भी आत्महत्या कर ली थी।
युवती की मौत के मामले में कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 306, 323 व 354 रिड विद 120बी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए एफआईआर (महिला की आत्महत्या के संबंध में) दर्ज कर ली है। इस मामले की आंशिक जांच आईओ (जांच अधिकारी) द्वारा जिले के पुलिस अधीक्षक की देखरेख में की गई है।
इस मामले में अब तक की गई जांच के अवलोकन पर,न्यायालय को कई कमियां मिली और इस प्रकार, न्यायालय ने एक एसआईटी का गठन करना उचित समझा। हालांकि, मामले में चल रही जांच और आरोपी के डिफेंस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े,इसलिए कोर्ट ने पूरी जांच एसआईटी को सौंपने के विस्तृत कारण नहीं बताए।
तदनुसार, निम्नलिखित एसआईटी का गठन किया गया हैः
-सुश्री लकी चैहान, कमांडेंट, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान, गोकुलनगर
-सुश्री सौम्या देबबर्मा, एसडीपीओ, बेलोनिया
-सुश्री बबीता भट्टाचार्य, आई/सी, त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि,''यह कहने की जरूरत नहीं है कि राज्य प्रशासन एसआईटी के सदस्यों को सभी आवश्यक सुविधाएं और सहायता प्रदान करेगा। इस मामले में गठित एसआईटी आगे की जांच करेगी और सुनवाई की अगली तारीख पर हमारे अवलोकन के लिए जांच के कागजात कोर्ट के समक्ष रखेगी।''
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि महिला के पति की आत्महत्या का मामला, जो अब तक संबंधित थाने में अप्राकृतिक मौत के मामले के रूप में दर्ज है, वह भी इस जांच का हिस्सा होगा।
मामले को आगे की सुनवाई के लिए 25 जून, 2021 को सूचीबद्ध किया गया है।
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