व्हाट्सएप ने नए आईटी नियमों के ट्रेसेबिलिटी क्लॉज को निजता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2021-05-26 07:15 GMT

फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने नए आईटी नियमों के तहत ओरिजनेटर को ट्रेस करने के नियम को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसमें आरोप लगाया है कि इस नए नियम से केएस पुट्टुस्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में निहित व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

याचिका में नए आईटी नियमों को असंवैधानिक घोषित करने और इसे लागू होने से रोकने के लिए भी प्रार्थना की गई है।

व्हाट्सएप के अनुसार ट्रेस करने की नई नीति निजी कंपनियों को हर दिन भेजे जाने वाले अरबों संदेशों जैसे किसने क्या कहा और किसने क्या भेजा को इकट्ठा करने और संग्रहीत करने के लिए मजबूर कर रही है। केवल इसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपने के उद्देश्य से प्लेटफ़ॉर्म को आवश्यकता से अधिक डेटा एकत्र करना पड़ेगा।

व्हाट्सएप द्वारा अपने हेल्प सेंटर कॉलम में जोड़े गए एक नए पोस्ट में कहा है कि,

"ट्रेस करने की नीति निजी कंपनियों को उन लोगों के नाम बताने के लिए मजबूर करती है जिन्होंने कुछ शेयर किया है, भले ही उन्होंने इसे नहीं बनाया है और हो सकता है कि किसी व्यक्ति ने इसे चिंता से शेयर किया हो या इसकी सटीकता की जांच करने के लिए इसे भेजा हो। इस तरह के दृष्टिकोण के माध्यम से निर्दोष लोग जांच में पकड़े जा सकते हैं। यहां तक कि जेल भी जा सकते हैं, ऐसी सामग्री साझा करने के लिए जो बाद में सरकार की नज़र में समस्याग्रस्त हो जाती है, भले उनका उद्देश्य पहली बार में शेयर करके कोई नुकसान पहुंचाने का न हो।"

आगे कहा गया है कि,

"किसी के द्वारा लिखी गई किसी भी चीज़ की का पता लगाया जा सकता है, लेकिन यह लोगों की निजता के अधिकार को छीन लेता है और लोगों की निजी चीजें भी इसस प्रभावित होंगी, जिससे स्वतंत्र अभिव्यक्ति और मानवाधिकारों के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सिद्धांतों का उल्लंघन होगा।"

नए सोशल मीडिया नियमों का पालन करने के लिए केंद्र सरकार ने फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को जो तीन महीने की अवधि प्रदान की थी जो कल यानी 25 मई को समाप्त हो गई।

सूचना प्रौद्योगिकी के (इंटरमीडियरी और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम [ Information Technology (Guidelines For Intermediaries And Digital Media Ethics Code)], 2021 को केंद्र द्वारा 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया गया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ आचार संहिता लागू करके और त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण ढांचे को अनिवार्य करके सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को विनियमित किया गया था।

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