COVID-19 से प्रभावित अधिवक्ताओं की सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए? राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल से पूछा

Update: 2021-05-15 06:29 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान से COVID-19 से प्रभावित अधिवक्ताओं की सहायता के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा है।

न्यायमूर्ति अशोक कुमार गौर की एकल पीठ ने महामारी से प्रभावित अधिवक्ताओं की राहत के लिए अधिवक्ता कल्याण कोष के उपयोग की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह सवाल किया।

कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान, राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, द बार एसोसिएशन जयपुर, राज्य स्वास्थ्य विभाग को 20 मई तक नोटिस पर जवाब देने के लिए कहा है।

अधिवक्ता जगमीत सिंह और अधिवक्ता रूपेंद्र सुरोलिया द्वारा अधिवक्ता कपिल बर्धर और राजेश कुमावत के माध्यम से रिट याचिका दायर की गई है। इसमें मौजूदा महामारी को देखते हुए अधिवक्ता कल्याण कोष के उचित और विवेकपूर्ण उपयोग की मांग की गई है।

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि स्टेट बार काउंसिल ने अपने सदस्यों से एडवोकेट्स वेलफेयर फंड हेड के तहत फंड जमा किया है। यह फंड एक वैधानिक फंड है, और इसमें पड़ी राशि का उपयोग COVID-19 से प्रभावित अधिवक्ताओं के सहयोग के लिए किया जा सकता है।

याचिकाकर्ताओं ने निम्नलिखित सिफारिशें की:

1. अधिवक्ताओं के लिए COVID-19 हेल्पलाइन की स्थापना के लिए एक समर्पित कोष की स्थापना।

2. अधिवक्ताओं के लिए COVID-19 हेल्पलाइन के संचालन के लिए प्रत्येक जिला/शहर/बार एसोसिएशन में एक समिति/नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।

3. संगरोध अवधि के लिए COVID-19 से पीड़ित अधिवक्ताओं / सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए भोजन / राशन उपलब्ध कराना।

4. संगरोध अवधि के लिए COVID-19 से पीड़ित अपने सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों को बुनियादी चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करना।

5.बेड/वेंटीलेटर/आईसीयू/कमरे/ऑक्सीजन/रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि की आपूर्ति की जानी चाहिए और अस्पतालों में भर्ती COVID-19 पॉजिटिव सदस्यों को राज्य में राज्य सरकार या निजी अस्पतालों के सहयोग से नाममात्र शुल्क पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

6. मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करने के लिए या दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में अधिवक्ताओं को नाममात्र की कीमत पर सुनवाई प्रदान करें।

7. अपने सदस्यों के लिए समर्पित केंद्र में कोरोनावायरस टेस्ट की सुविधा की व्यवस्था करें।

8. सदस्यों/अधिवक्ताओं के लिए समूह जीवन बीमा/चिकित्सा बीमा/चिरंजीवी योजना या राज्य सरकार/निजी संस्थाओं की किसी अन्य योजना के लिए निधियों का आवंटन।

9. मासिक/तिमाही या किसी अन्य अवधि में COVID-19 अवधि के दौरान वित्तीय आवश्यकता वाले अपने सदस्यों के लिए कल्याण निधि का आवंटन।

10. अधिवक्ताओं द्वारा COVID-19 के इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करें।

11.राष्ट्रीयकृत बैंकों के सहयोग से न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण सुविधा प्रदान करना।

12. COVID-19 की आगामी तीसरी/चौथी लहर के लिए अग्रिम रूप से COVID-19 उपचार के लिए अधिवक्ताओं की सहायता योजनाएँ तैयार करना।

13. COVID19 महामारी के मद्देनजर अधिवक्ताओं के कल्याण कोष के उचित उपयोग के लिए अधिवक्ताओं से सुझाव/सिफारिशें/प्रतिक्रिया आमंत्रित करना।

14. समिति या नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई का अनुपालन सुनिश्चित करना।

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