उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ससुर के खिलाफ छेड़छाड़ की झूठी शिकायत दर्ज कराकर उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने की आरोपी महिला को अग्रिम जमानत दी

Update: 2022-09-12 04:30 GMT

Uttarakhand High Court

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में उस आरोपी महिला को अग्रिम जमानत दे दी है, जिसने कथित तौर पर अपने ससुर के खिलाफ झूठी छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज करवाकर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया था। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके ससुर ने उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की है।

जस्टिस रवींद्र मैथानी ने कहा कि शिकायतकर्ता और आरोपी पक्ष दोनों ने छेड़छाड़ के संबंध में पीड़िता का प्रतिलेख दायर किया है।

कोर्ट ने कहा,

''अग्रिम जमानत गिरफ्तारी की स्थिति में किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक कदम है। अन्यथा भी, गिरफ्तारी जांच अधिकारी का नियमित और यांत्रिक अभ्यास नहीं है। किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए ठोस कारण होने चाहिए। अग्रिम जमानत पर अपराध की गंभीरता, सबूतों से छेड़छाड़, समाज पर प्रभाव, बार-बार अपराध किए जाने की संभावना आदि सहित विभिन्न मानकों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाता है।''

आवेदक-आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप लगाया गया है कि वह अपने ससुराल वालों की संपत्ति हड़पना चाहती थी और उसने अपने ससुर के खिलाफ छेड़खानी की झूठी एफआईआर दर्ज करायी थी, जिसके कारण वह डिप्रेशन में चला गया और उसने आत्महत्या कर ली।

आवेदक ने प्रस्तुत किया कि आईपीसी की धारा 306 के तहत कोई अपराध नहीं बनता है और पीड़िता यानी आवेदक की बेटी ने एक वीडियो रिकॉर्डिंग में पुष्टि की है कि उसके दादा ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी।

शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि सक्षम अदालत में आवेदक द्वारा दायर एक शिकायत के अनुसार, उसकी बेटी के साथ वर्ष 2020 में मृतक ने छेड़छाड़ की थी। यह तर्क दिया गया कि दिसंबर, 2021 के महीने में, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 107/116 के तहत शिकायतकर्ता अजय बहुगुणा के साथ-साथ आवेदक-आरोपी के खिलाफ कार्यवाही शुरु की गई थी। लेकिन, उस कार्यवाही में जब पक्षकारों ने समझौता किया था तो आवेदक द्वारा मृतक के खिलाफ छेड़छाड़ का कोई आरोप नहीं लगाया गया था।

अदालत ने आवेदन की अनुमति देते हुए कहा,

''यह एक ऐसा मामला है जहां आवेदक-अंजलि बहुगुणा के अनुसार, उसकी बेटी के साथ उसके ससुर एचआर बहुगुणा ने छेड़छाड़ की थी। 23.05.2022 को एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आवेदक-अंजलि बहुगुणा ने अपने ससुर एच.आर. बहुगुणा और अन्य के खिलाफ एक शिकायत भी दायर की थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, वह एक झूठा मामला था। दोनों पक्षों ने छेड़छाड़ के संबंध में पीड़ित का प्रतिलेख दायर किया है। एक ओर, शिकायतकर्ता के अनुसार, पीड़िता ने कहा है कि उसे अपने दादा के खिलाफ झूठ बोलने के लिए मजबूर किया गया था, जबकि आवेदक के अनुसार, पीड़िता अभी भी इस बात की पुष्टि करती है कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई थी।''

केस टाइटल- अंजलि बहुगुणा व अन्य बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



Tags:    

Similar News