'भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ाई' वाली टिप्पणी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज

Update: 2025-09-20 04:48 GMT

उत्तर प्रदेश के लखनऊ ज़िला कोर्ट ने पिछले हफ़्ते विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ वकील द्वारा दायर याचिका पर शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया कि कांग्रेस (Congress) नेता ने बयान दिथा कि "हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं"।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के लिए मामले की सुनवाई 1 अक्टूबर तक स्थगित की।

वकील नृपेंद्र पांडे द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि गांधी की कथित टिप्पणी देश को अस्थिर करने के इरादे से जानबूझकर किया गया देशद्रोही और राष्ट्र-विरोधी बयान है।

शिकायत याचिका में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी, के.सी. वेणुगोपाल और जयराम रमेश को विपक्षी पक्षकार बनाते हुए आरोप लगाया कि चूंकि वे उस कार्यक्रम में मौजूद थे, जहां यह टिप्पणी की गई, इसलिए उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

अपनी याचिका में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 15 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में नवनिर्मित कांग्रेस मुख्यालय, इंदिरा भवन के उद्घाटन के दौरान, राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा था: "अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं"।

याचिका के अनुसार, गांधी के शब्दों का अर्थ है कि कांग्रेस पार्टी "भारतीय गणराज्य के विरुद्ध लड़ रही है", जो, याचिकाकर्ता ने दावा किया, राष्ट्र के विरुद्ध एक बयान से कम नहीं था।

उन्होंने तर्क दिया कि 'भारतीय राज्य' शब्द भारत के लोगों और सभी संवैधानिक संस्थाओं, संसद, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को दर्शाता है, जो मिलकर भारतीय गणराज्य का निर्माण करते हैं।

इस प्रकार, शिकायत में आरोप लगाया गया कि गांधी की टिप्पणी "भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता पर हमला" है।

याचिका में आगे कहा गया कि यह टिप्पणी ज़बान फिसलने के कारण नहीं है, बल्कि "पूरी तरह से सचेत होकर, जानबूझकर और देश को अस्थिर करने के इरादे से" की गई।

इसमें आरोप लगाया गया कि बार-बार झूठ फैलाकर, संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाकर और ज़िम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को निशाना बनाकर राहुल गांधी और उनके सहयोगी INDIA गठबंधन के सदस्य युवाओं में अविश्वास के बीज बोने और देश को अस्थिरता और यहां तक कि गृहयुद्ध की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि गांधी के 'राष्ट्र-विरोधी बयान' ने भारत माता और भारत के 140 करोड़ लोगों का अपमान किया।

याचिका में गांधी के पहले के भाषणों और विवादों का भी हवाला दिया गया ताकि यह तर्क दिया जा सके कि उनके कार्य और टिप्पणियां 'विदेशी और राष्ट्र-विरोधी शक्तियों' के प्रभाव में एक 'सुनियोजित साज़िश' का हिस्सा हैं।

Tags:    

Similar News