मानवरहित पुलिस बैरिकेड्स: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान याचिका पर पुलिस आयुक्त, केंद्र और राज्य सरकार, एसडीएमसी से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को शहर के कालकाजी और सीआर पार्क पुलिस थाना क्षेत्रों में मानवरहित पुलिस बैरिकेड्स लगाने के मुद्दे पर स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की खंडपीठ ने अपने आयुक्त के माध्यम से गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से जवाब मांगा।
दिल्ली प्रदेश अग्रवाल सम्मेलन का अध्यक्ष होने का दावा करने वाले ओम प्रकाश गोयल ने पिछले साल दिसंबर में इस मुद्दे पर एक पत्र लिखा था, जिस पर संज्ञान लेते हुए मामला एक जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया गया।
उक्त पत्र में जो भारत के प्रधान मंत्री को संबोधित किया गया था, संबंधित क्षेत्रों में मानव रहित बैरिकेड्स स्थापित करने के संबंध में शिकायतें उठाई गईं।
ओम प्रकाश ने यह भी शिकायत की कि इस तरह के मानवरहित बैरिकेड्स का कोई उद्देश्य नहीं है। वास्तव में यह यातायात के मुक्त प्रवाह में रुकावट पैदा कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप वाहन मालिकों और आम जनता को परेशानी होती है, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम और होल्ड अप होता है।
उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ-साथ अन्य हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार रिपोर्टों का भी उल्लेख किया था।
अदालत ने कहा,
"ओम प्रकाश द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि ये मानवरहित नाकेबंदी सड़कों की नाकाबंदी हैं, जो प्रथम दृष्टया कोई उद्देश्य नहीं रखते हैं। वास्तव में बड़े पैमाने पर जनता को असुविधा और परेशानी का कारण बनते हैं।"
इसमें कहा गया,
"इस तरह के बैरिकेड्स का इस्तेमाल कियोस्क और वाहनों की पार्किंग के लिए भी किया गया।"
तदनुसार, अदालत ने मामले को 13 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट करते हुए प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को शहर में बैरिकेड्स लगाने के संबंध में अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल को भी रिकॉर्ड में रखने को कहा।
पीठ ने कहा,
"प्रतिवादी सुनवाई की अगली तारीख से पहले अपनी संबंधित स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेंगे।"
मामले का शीर्षक: अदालत स्वतः संज्ञान याचिका बनाम दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य