समान नागरिक संहिता: भारत के विधि आयोग ने जनता को सुझाव देने के लिए समय बढ़ाया

Update: 2023-07-14 15:18 GMT

भारत के विधि आयोग ने "जनता की भारी प्रतिक्रिया को देखते हुए" समान नागरिक संहिता के विषय पर जनता के लिए सुझाव देने का समय दो सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है।

सुझाव प्रस्तुत करने के लिए विधि आयोग द्वारा निर्धारित प्रारंभिक समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। 14 जून को आयोग ने बड़े पैमाने पर जनता और धार्मिक संगठनों से नए विचार आमंत्रित करके यूसीसी पर बहस फिर से शुरू करने का फैसला किया।

जो रुचि रखते हैं और इच्छुक हैं, वे नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर "यहां क्लिक करके" या भारत के विधि आयोग को Membersecretary-lci@gov.in पर ईमेल कर सकते हैं। संबंधित हितधारक समान नागरिक संहिता से संबंधित किसी भी मुद्दे पर परामर्श/चर्चा/वर्किंग पेपर आदि सदस्य सचिव, भारतीय विधि आयोग, चौथा तल, लोकनायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली- 110 003 पर भी भेज सकते हैं।

साल 2018 में भारत के विधि आयोग ने 'पारिवारिक कानून में सुधार' पर एक परामर्श पत्र जारी किया था, जिसमें उसने कहा कि "इस स्तर पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का निर्माण न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है।"

7 जुलाई को एलसीआई ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर आम जनता को समान नागरिक संहिता के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले धोखाधड़ी वाले व्हाट्सएप टेक्स्ट, संदेशों और कॉल के प्रति आगाह किया था। आयोग ने स्पष्ट किया कि प्रसारित किए जा रहे किसी भी मैसेज से उसका कोई जुड़ाव या संबंध नहीं है।

Tags:    

Similar News