दिल्ली दंगा : बहन की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद ने यूएपीए मामले में अंतरिम जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख किया
दिल्ली हाईकोर्ट में पिछले महीने नियमित जमानत से इनकार किए जाने के बाद स्टूडेंट एक्टिविस्ट उमर खालिद ने 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत के लिए शहर की कड़कड़डूमा अदालत का रुख किया। सूत्रों के मुताबिक, खालिद ने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत मांगी है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा जांच की जा रही एफआईआर 59/2020 में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के साथ-साथ कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत विभिन्न आरोप लगाए गए हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने खालिद द्वारा सीआरपीसी की धारा 439 के तहत दायर एक नए आवेदन पर नोटिस जारी किया। इसे 25 नवंबर को बहस के लिए पोस्ट किया गया।
अदालत ने 25.11.2022 को पारित अपने आदेश में कहा,
"आवेदन में उल्लिखित सामग्री के सत्यापन के बाद अभियोजन पक्ष द्वारा जवाब दायर किया जाए। 25.11.2022 को आवेदक/आरोपी उमर खालिद की अंतरिम जमानत अर्जी पर जवाब और दलीलें दाखिल करने के लिए प्रस्तुत करें।"
खालिद सितंबर 2020 से हिरासत में है। उसे जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की विशेष पीठ ने 18 अक्टूबर को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने खालिद की जमानत से इनकार करते हुए कहा कि 2020 के विरोध प्रदर्शनों के पीछे की साजिश की शुरुआत से लेकर दंगों की परिणति तक उमर खालिद के नाम का बार-बार उल्लेख किया जाता रहा है।
अदालत ने यह भी कहा कि खालिद डीपीएसजी और जेएनयू के मुस्लिम छात्रों जैसे व्हाट्सएप समूहों का सदस्य था और उसने विभिन्न बैठकों में भी भाग लिया था, जिसमें दंगे करने की कथित साजिश रची गई थी।