युवा माता वकीलों की मदद करने के लिए मद्रास एचसी न्यायाधीश ने बहस करने के लिए उन्हें स्पेसिफिक टाइम स्लॉट देने की मंज़ूरी देने के लिए पॉलिसी अपनाई
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने सोमवार को बार के सदस्यों को एक पत्र जारी कर बताया कि ऐसी महिला वकील जो वयुवा मां हैं, वे अदालत को सूचित करने के बाद अपने मामले पर बहस करने के लिए एक स्पेसिफिक टाइम स्लॉट की मांग सकती हैं।
हालांकि यह इस शर्त के अधीन है कि ऐसी महिला वकील को उन तारीखों और घटनाओं, केस कानूनों पास करना चाहिए जिनका संदर्भ वे मामले में देने जा रहे हैं और इसे उन्हें एक दिन पहले अदालत में एक दिन पहले पेश करना चाहिए। वकीलों को भी अच्छी तरह से तैयार रहना चाहिए ताकि वे अदालत के कम से कम समय का उपभोग करें।
साथ ही अदालत ने यह भी बताया कि यह लाभ केवल स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करने वाली महिला वकीलों द्वारा मांगा जा सकता है, न कि वे जो अपने "मेल सीनियर" के ऑफिस का हिस्सा हैं।
अदालत ने ये निर्देश एक घटना के बाद पारित किए जिसमें एक पुरुष वकील ने स्थगन की मांग की क्योंकि उसे अपने बच्चे को स्कूल जाकर पिक करना था और इसलिए शाम को मामले में पेश होना उसके लिए असुविधाजनक होगा।
अदालत ने टिप्पणी की,
"इस घटना ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। मेरे सामने कुछ युवा माताएं प्रैक्टिस कर रही हैं। उन्हें भी ऐसी ही कठिनाइयां हो सकती हैं। मुझे लगता है कि उनका साथ देना मेरा कर्तव्य है।"
ये निर्देश 5 जुलाई 2022 से प्रभावी होंगे।