CBI द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध नहीं: दिल्ली कोर्ट

Update: 2024-06-27 08:45 GMT

दिल्ली कोर्ट न कहा कि शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को इस समय अवैध नहीं कहा जा सकता।

केजरीवाल को तीन दिन की CBI हिरासत में भेजते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट के वेकेशन जज अमिताभ रावत ने इस बात पर जोर दिया कि गिरफ्तारी अवैध नहीं है, लेकिन CBI को अति उत्साही नहीं होना चाहिए।

अदालत ने कहा,

"जांच जांच एजेंसी का विशेषाधिकार है। कानून में कुछ सुरक्षा उपाय दिए गए हैं। इस समय, रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि गिरफ्तारी अवैध है। हालांकि, एजेंसी को अति उत्साही नहीं होना चाहिए।"

केजरीवाल का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी की इस दलील पर कि गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं थी, अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी का समय संदिग्ध हो सकता है, लेकिन यह कार्रवाई को अवैध घोषित करने का मानदंड नहीं है।

अदालत ने कहा,

"इस अदालत को इस समय मामले के गुण-दोष पर विचार करना होगा। समय भले ही सावधानीपूर्ण हो, लेकिन गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने के लिए यह स्पष्ट मानदंड नहीं है। जांच के इस चरण में गवाहों के बयान और दस्तावेजी साक्ष्यों पर विचार किया जाएगा। इसलिए आरोपी की पुलिस हिरासत रिमांड उचित है।"

तदनुसार, अदालत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए जांच के तथ्य, उन्हें सौंपी गई भूमिका और साजिश के मामले में सबूतों के साथ उनका सामना करने की आवश्यकता के मद्देनजर हिरासत रिमांड के लिए CBI की याचिका स्वीकार की। CBI ने केजरीवाल के लिए पांच दिनों की हिरासत मांगी, जबकि अदालत ने केवल तीन दिनों की ही अनुमति दी।

अदालत ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें CBI की रिमांड हिरासत की प्रार्थना को खारिज करने और गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की गई थी। मुख्यमंत्री अब 29 जून को शाम 7 बजे से पहले वेकेशन जज के समक्ष पेश होंगे। अदालत ने आदेश दिया कि पुलिस रिमांड के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सभी सुरक्षा उपायों और निर्देशों का ईमानदारी से पालन किया जाए।

अदालत ने दो वकीलों और केजरीवाल की पत्नी को रिमांड के दौरान शाम 6 बजे से 7 बजे तक प्रत्येक दिन एक घंटे की सामूहिक बैठक की अनुमति दी।

अदालत ने कहा,

"पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपी को मेडिकल रूप से निर्धारित आहार/घर का बना खाना दिया जाए।"

अदालत ने मुख्यमंत्री को रिमांड के दौरान निर्धारित दवाएं और ग्लूकोमीटर उपलब्ध कराने तथा चश्मा ले जाने की भी अनुमति दी। मंगलवार को जांच एजेंसी ने तिहाड़ जेल में मुख्यमंत्री से पूछताछ की, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

केजरीवाल का बयान दर्ज किया गया। यह दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पीएमएलए मामले में मुख्यमंत्री को दी गई जमानत पर रोक लगाने के कुछ घंटों बाद हुआ। अदालत की अनुमति के बाद CBI ने अदालत में केजरीवाल से पूछताछ की और फिर मामले में औपचारिक रूप से उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया। मई में उन्हें आम चुनावों के मद्देनजर 01 जून तक के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी। उन्होंने 2 जून को आत्मसमर्पण कर दिया।

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