महिला के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाने वाले वकील का बार लाइसेंस 3 साल के लिए निलंबित

Update: 2025-09-23 11:04 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक वकील के लाइसेंस के 3 साल के निलंबन आदेश में यह देखते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार किया कि वह महिला-शिकायतकर्ता के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाकर उसे परेशान कर रहा था।

कोर्ट ने वकील पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और निर्देश दिया कि उसकी पूर्व अनुमति के बिना उसका लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किया जाएगा।

कोर्ट ने आदेश दिया,

"अपीलकर्ता-वकील द्वारा किए गए गंभीर कदाचार को देखते हुए, जो प्रतिवादी-शिकायतकर्ता के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाने में एक जिद्दी चरित्र का प्रतीत होता है, हम कोई नरम रुख नहीं अपनाना चाहते। तदनुसार, अपील 1 लाख रुपये के जुर्माने के साथ खारिज की जाती है।"

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ वकील द्वारा BCI की अनुशासन समिति द्वारा पारित आदेश को दी गई चुनौती पर विचार कर रही थी, जिसके तहत वकील को पेशेवर कदाचार का दोषी ठहराया गया और राज्य बार काउंसिल द्वारा बनाए गए वकीलों की सूची से तीन साल के निलंबन की सजा सुनाई गई।

याचिकाकर्ता के वकील की बात सुनते हुए जस्टिस कांत ने टिप्पणी की,

"सिर्फ़ इसलिए कि वैवाहिक विवाद है...आप इस लड़की को ब्लैकमेल कर रहे हैं! आपने [वैवाहिक मामला] वापस नहीं लिया..."

गौरतलब है कि शिकायतकर्ता को तीन महीने के भीतर मुआवज़े के रूप में लागत राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।

Case Title: MANOJ KUMAR SHARMA Versus PRIYANKA BANSAL, C.A. No. 6679/2024

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