सुप्रीम कोर्ट औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने को चुनौती देने वाली याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई को सहमत
सुप्रीम कोर्ट में औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर' करने को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की गई है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष एडवोकेट फुजैल अय्यूबी ने याचिका का उल्लेख किया।
याचिका में भारत संघ और महाराष्ट्र राज्य द्वारा संभागीय आयुक्त, औरंगाबाद के 4 मार्च 2020 के पत्र को दी गई मंजूरी को चुनौती दी गई है, जिसमें प्रस्तावित किया गया था कि औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर' कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट उक्त याचिका को 24 मार्च 2023 को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने 1996 में औरंगाबाद का नाम बदलने के इसी तरह के प्रयास को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि उक्त मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, अनुमति दी गई और अदालत ने यथास्थिति का आदेश दिया। हालांकि बाद में अधिसूचना को राज्य सरकार द्वारा वापस ले लिया गया और इस तरह यह मामला निष्फल हो गया।
याचिका में तर्क दिया गया है कि शहर का नाम बदलने के वर्तमान प्रयास को उनके द्वारा एक जनहित याचिका के माध्यम से फिर से चुनौती दी गई थी जो बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित रही। हालांकि, याचिका की लंबितता को नजरअंदाज करते हुए भारत संघ ने शहर के नाम में प्रस्तावित परिवर्तन को मंजूरी दे दी।
याचिका में कहा गया है-
" उसी दिन, 24.02.2023 को, महाराष्ट्र राज्य ने आधिकारिक रूप से शहर औरंगाबाद, तालुका और जिला - औरंगाबाद, महाराष्ट्र का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर तालुका और जिला - औरंगाबाद, महाराष्ट्र कर दिया। आगे उसी दिन राज्य सरकार ने आगे महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 के तहत एक अधिसूचना जारी की, जिसमें औरंगाबाद के राजस्व मंडलों का नाम बदलकर संभाजीनगर करने वाली मसौदा अधिसूचना पर आपत्तियां मांगी गईं। "