'कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं': गुजरात हाईकोर्ट ने COVID-19 संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 मई) को गुजरात राज्य में तेजी से बढ़ते COVID-19 मामलों में लिए गए स्वत: संज्ञान की कार्यवाही की सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव डी करिया की खंडपीठ हाईकोर्ट के 27 अप्रैल के आदेश में उठाए गए अधिकांश मुद्दों का जवाब देते हुए सरकार की ओर से दायर हलफनामे पर सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट ने हालांकि इस संबंध में कोई निर्देश या सुझाव देने से परहेज किया, लेकिन कहा कि राज्य को जनता के कल्याण को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर उचित कदम उठाना होगा।
कोर्ट ने कहा कि,
"जब तक लोगों को इकट्ठा होने से रोकने या एक जगह से दूसरी जगह जाने से रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक कोरोना वायरस के चेन को तोड़ना मुश्किल है और बड़े पैमाने पर जनता परेशान होगी।"
कोर्ट ने इसके अलावा राज्य को अगले हलफनामे में निम्नलिखित विवरण प्रदान करने का निर्देश दिया।
RT-PCR टेस्ट
कोर्ट ने RT-PCR टेस्ट के संबंध में राज्य को विभिन्न प्रयोगशालाओं में RT-PCR मशीनों के कामकाज का विवरण और टेस्टिंग सुविधाओं को शुरू करने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ जिले के प्रत्येक RT-PCR सुविधाओं में किए गए इजाफे के आंकड़ों को दर्ज करने का निर्देश दिया। शेष विश्वविद्यालयों को हलफनामे में संदर्भित किया गया है, जिनको RT-PCR टेस्ट के लिए प्रयोगशालाओं का उपयोग करने का अनुरोध किया गया।
राज्य को RT-PCR टेस्ट की उपलब्धता के साथ-साथ जिला स्तर पर सुविधा के संबंध में स्पष्ट और पारदर्शी आंकड़े प्रदान करने के लिए कहा गया है।
कोर्ट ने दोहराया कि राज्य को सार्वजनिक मीडिया के माध्यम से भी सही और उचित आंकड़े बताने चाहिए। इसमें प्रत्येक कस्बे और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध टेस्टिंग सुविधा के संबंध में जनता को बड़े पैमाने पर जल्द से जल्द RT-PCR टेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम बनाना चाहिए।
रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता
कोर्ट ने राज्य को केंद्र सरकार से प्राप्त रेमडेसिविर इंजेक्शन को विभिन्न जिलों में वितरण के संबंध में विवरण प्रदान करने के लिए कहा है, क्योंकि पिछले 15 दिनों से प्रत्येक जिले / अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग की गई है और इस तरह के वितरण के आधार पर हलफनामे में आवंटन को न्यायोचित ठहराना है।
राज्य को ऑक्सीजन की आपूर्ति के वितरण के संबंध में विवरण और डेटा भी पूछा गया है और डेटा के साथ अन्य वैकल्पिक स्रोतों से ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कहा गया है।
कोर्ट ने पिछले दो सप्ताह की तारीख के साथ मांग और ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ-साथ भविष्य की अनुमानित मांग और अगले दो सप्ताह में इस तरह की मांग को पूरा करने के लिए किए जाने वाले उपायों का भी विवरण मांगा है।
राज्य को वेब पोर्टल पर COVID-19 रोगियों के लिए राज्य के प्रत्येक अस्पताल में बेड की उपलब्धता के वास्तविक समय के अपडेशन के विवरण के संबंध में विवरण देने के लिए कहा गया है।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना
कोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ने के संबंध में कहा कि,
"यह सच है कि 27 अप्रैल 2021 की अधिसूचना जारी करके राज्य सरकार द्वारा कदम उठाए गए हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह पर्याप्त नहीं है और कोरोना चेन को तोड़ने के लिए आगे के कदमों के बारे में भी जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है। वर्तमान स्थिति में जैसा कि उचित समझा जा रहा है कि उचित प्रतिबंध लगाकर महामारी को नियंत्रित करना आवश्यक है।"
कोर्ट ने अंत में निर्देश दिया कि वर्तमान मामलों को 11 मई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।