"उसके साथ ज़बरदस्ती नहीं की गई" 'बलात्कार' वीडियो शूट करने वाली 'पीड़ित' के मामले में राज्य के वकील की रिपोर्ट पर एमपी हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को एक ऐसे व्यक्ति को जमानत दे दी, जिस पर एक विवाहित महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है। राज्य के वकील ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि प्रथम दृष्टया यह पीड़िता की इच्छा के विरुद्ध कार्य नहीं लगता।
जस्टिस अतुल श्रीधरन की पीठ ने यह आदेश अभियुक्त जितेंद्र बघेल द्वारा दायर जमानत याचिका पर राज्य के वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए पारित किया। राज्य सरकार के वकील ने प्रस्तुत किया कि कथित कृत्य के वीडियो (कथित रूप से पीड़िता द्वारा स्वयं शूट किया गया) से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि वहां शिकायतकर्ता पर बल, ज़बरदस्ती या किसी भी प्रकार की धमकी का प्रयोग नहीं किया गया।
हाईकोर्ट के एक आदेश के अनुसार रिपोर्ट तैयार की गई थी जिसमें राज्य के वकील को वीडियो देखने और यह पता लगाने का निर्देश दिया गया था कि पीड़िता की कार्रवाई से बलात्कार के कथित कृत्य के लिए सहमति या प्रतिरोध का पता चलता है या नहीं।
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सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान को ध्यान में रखते हुए अदालत को यह आदेश जारी करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें उसने कहा था कि उसने खुद कथित बलात्कार का वीडियो बनाया था।
कोर्ट ने बुधवार को राज्य के वकील की रिपोर्ट का अवलोकन किया जिसमें कहा गया कि वीडियो में आवेदक और अभियोजिका के बीच किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या किसी प्रकार की बातचीत या धमकी नहीं दिखाई दी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस कमरे में पीड़िता के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था, वहां स्टील के पलंग पर एक अन्य व्यक्ति लेटा हुआ था जिसने खुद को ढका हुआ था और उस पलंग पर एक बच्चा भी था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वीडियो से पता चलता है कि आवेदक और पीड़िता एक ही कमरे में दूसरे व्यक्ति की उपस्थिति में यौन क्रिया में शामिल थे, जिस पर पीड़िता का पति होने का संदेह है।
आवेदक-आरोपी (आईपीसी की धारा 376, 376 (2) (एन), 456, 506 के तहत मामला दर्ज) द्वारा की गई रिपोर्ट और क़ैद की अवधि को देखते हुए उनकी जमानत याचिका की अनुमति दी गई।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपी को 50,000 / -रुपये की राशि के निजी मुचलका प्रस्तुत करने पर और ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए इतनी ही राशि का एक सॉल्वेंट ज़मानतदार पेश करने पर रिहा कर दिया जाएगा।
अपीयरेंस
आवेदक की ओर से एडवोकेट- संगीता पचौरी
प्रतिवादी/राज्य की ओर से लोक अभियोजक- राजीव उपाध्याय
परिवादी के एडवोकेट- विभोर कुमार साहू
केस टाइटल- जितेंद्र बघेल बनाम मध्य प्रदेश राज्य
केस साइटेशन :
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