ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मौजूद प्रणाली का ब्योरा दें: मद्रास हाईकोर्ट ने बार काउंसिल से कहा

Specify Mechanism In Place For Taking Action Against Advocates Who Misbehave With Officials On Duty

Update: 2021-06-16 03:01 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने वकीलों के वाक् युद्ध में शामिल होने और पुलिसकर्मियों के साथ झड़प की घटनाएं समाज में व्याप्त होने का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि वकील बिरादरी के सदस्यों की ओर से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के वाकये बढ़ रहे हैं।

न्यायमूर्ति एम. ढांडापाणि की बेंच एक ऐसे मामले में एक अधिवक्ता और उसकी पुत्री द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई कर रही थी, जहां COVID लॉकडाउन के कथित उल्लंघन को लेकर वकील और पुलिस के बीच कहासुनी हो गयी थी।

महत्वपूर्ण रूप से, कोर्ट ने सार्वजनिक स्थल पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मौजूद प्रणाली के साथ-साथ उनके खिलाफ की गयी कार्रवाई के ब्योरे से संबंधित उचित स्थिति रिपोर्ट दायर करने का तमिलनाडु बार काउंसिल को निर्देश दिया।

कोर्ट का यह भी मत था कि महामारी के दौरान, स्वास्थ्यकर्मी और वर्दीधारी पूर्ण तत्परता के साथ और अपने स्वास्थ्य एवं भलाई की परवाह किये बिना कठिन ड्यूटी कर रहे हैं।

कोर्ट ने कहा,

" उनकी सेवा इतनी व्यापक है कि देश का हर एक आदमी उनकी इस सेवा को स्वीकार रहा है और राज्य में न केवल कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में रखने बल्कि मानव जाति के बीच इस घातक वायरस को फैलने से रोकने के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना कर रहा है।"

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व हैं, जिनके भीतर कानून पालन कराने वाली एजेंसी द्वारा किये गये कार्यों के प्रति सम्मान का अभाव है, वे पुलिसकर्मियों के साथ झगड़ा करते हैं और उनके द्वारा किये गये कार्यों की न केवल अनदेखी करते हैं, बल्कि पुलिसकर्मियों के बीच भयानक माहौल भी पैदा करते हैं।

बार काउंसिल की भूमिका के संबंध में कोर्ट ने कहा कि जब बात कानूनी बिरादरी के सदस्यों द्वारा इस तरह का व्यवहार किये जाने एवं इस पेशे को अपमानित करने की आती है तो ऐसे बेलगाम वकीलों पर नियंत्रण एवं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की पहल का दायित्व तमिलनाडु बार काउंसिल पर होता है।

कोर्ट ने आगे जोर देकर कहा कि ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ उद्दंडता और दुर्व्यवहार करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जो तंत्र मौजूद है, उसके बारे में तमिलनाडु बार काउंसिल ने सही से नहीं बताया है।

इस प्रकार तमिलनाडु बार काउंसिल को इस आपराधिक मूल याचिका में पक्षकार बनाया गया है।

अंत में रजिस्ट्री को तमिलनाडु बार काउंसिल को नोटिस तामील कराने का निर्देश दिया गया और मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए 17 जून, 2021 की तारीख मुकर्रर की गयी।

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