एडीजी, जेल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया, चार क़ैदियों के मृत्यु के बाद लिए गए स्वाब सैंपल COVID-19 पॉज़िटिव पाए गए थे, एक ने की आत्महत्या
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि जेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी, जेल) ने बताया कि महाराष्ट्र के तीन अलग-अलग जेलों के चार क़ैदियों की मौत हो गई और इनकी मौत के बाद इकट्ठा किए गए स्वाब सैंपल से पता चला कि ये सब COVID-19 पॉज़िटिव पाए गए थे।
मृत चार लोगों में एक 33 साल के बालू गडशिंगे ने 27 मई 2020 को तलोज केंद्रीय जेल में आत्महत्या कर ली।
मुख्य न्यायाधीश दीपंकर दत्ता और जस्टिस केके ताटेड की पीठ पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिवल लिबर्टीज की याचिका पर सुनवाई कर रह थे, जिसमें महाराष्ट्र के जेलों में क़ैदियों और विचाराधीन क़ैदियों की स्थितियों की चर्चा की गई थी।
सुनील रामानन्द, एडीजीपी और कारा महानिरीक्षक की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र 10 जेलों और एडीजीपी कार्यालय में कुल 17, 695 क़ैदियों की स्क्रीनिंग की गई और 1681 क़ैदियों के स्वाब की जाँच की गई। इनमें से 269 क़ैदियों को पॉज़िटिव पाया गया, 115 ठीक हो गए और चार की मौत हो गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जेलों में बड़े पैमाने पर ऐसे लोगों की स्वाब टेस्टिंग नहीं हो सकती जिनमें कोई लक्षण नहीं है बशर्ते कि निगम आयुक्त/कलक्टर्स क्वारंटीन सुविधा के बारे में बताएं क्योंकि राज्य के कई जेलों में ज़रूरत से ज़्यादा भीड़ है।
अदालत ने एजी एए कुंभकोनी से कहा कि याचिकाकर्ता के वकील मिहिर देसाई और रिपोर्ट में एडीजी, जेल ने जो मुद्दे उठाए हैं उस पर वह जेल अथॉरिटीज़ से आवश्यक निर्देश प्राप्त करें कि जो पॉज़िटिव पाए जाते हैं उन्हें क्वारंटीन करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं हैं।
एजी कुंभकोनी ने शुक्रवार तक का समय मांगा ताकि वह निर्देश प्राप्त कर सकें और उन्हें यह समय दे दिया गया। अदालत ने कुंभकोनी से कहा कि वह महाराष्ट्र के सभी जेलों में इस समय कितने क़ैदी हैं इस बारे में जानकारी प्राप्त करें; यह भी पता करें कि इनमें से कितने 60 साल से अधिक उम्र के हैं, किसी को बीमारी है कि नहीं और अगर है तो कौन सी है और साथ में यह भी कि हर जेल की क्षमता कितनी है।
अदालत ने कहा,
"हमने पाया है कि उन्हें ग़लत सूचना दी गई। अस्थाई ज़मानत के लिए सिर्फ 1342 आवेदन आए थे, 11,857 नहीं जो कि महाराष्ट्र के विभिन्न अदालतों में लंबित हैं…इसे देखते हुए हमें इस मामले को निलंबित रखने का कोई कारण नज़र नहीं आता और उम्मीद करते हैं कि इन सभी आवेदनों को क़ानून के अनुरूप जितना जल्दी हो निपटाया जाएगा।"
अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून 2020 को होगी।
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