एनआई अधिनियम की धारा 138: दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को विशेष न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया

Update: 2022-08-31 05:45 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने पांच सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को "एनआई अधिनियम की धारा 138  (Sec 138 NI Act) के तहत मामलों के त्वरित ट्रायल" में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में स्थापित विशेष न्यायालयों (निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट) के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया।

नियुक्त किए गए न्यायाधीशों के नाम इस प्रकार हैं:

1. जस्टिस राकेश सिद्धार्थ

2. जस्टिस सी.के. चतुर्वेदी

3. जस्टिस सतिंदर कुमार गौतम

4. जस्टिस चंद्र बोस

5. जस्टिस राम भगत सिंह

उक्त न्यायाधीशों की पोस्टिंग एक सितंबर, 2022 से प्रभावी होगी।

30 अगस्त, 2022 के आदेश के अनुसार, पीठासीन अधिकारी विशेष न्यायालय (एनआई अधिनियम) उस जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नियंत्रण में होंगे, जिसे उन्हें आवंटित किया गया है।

आदेश में कहा गया,

"संबंधित प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश मौजूदा न्यायालयों से परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत मामलों को वापस ले लेंगे और उन्हें पूर्वोक्त विशेष न्यायालयों (एनआई अधिनियम) को इसके न्यायालय और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 19.05.2022 के आदेश के तहत 2020 के स्वतः संज्ञान (आपराधिक) नंबर 2 में जारी किए गए निर्देश: "एनआई अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत मामलों का त्वरित ट्रायल द्वारा जारी पूर्व निर्देशों के अनुसार सौंपेंगे।"

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक अनादर के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

न्यायालय ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायतों के ट्रायल को समरी ट्रायल से समन ट्रायल में परिवर्तित करने से पहले मजिस्ट्रेटों को कारण दर्ज करने के लिए अभ्यास निर्देश जारी करें।

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