दंगा केस - बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया दोषी करार, यूपी कोर्ट ने सुनाई दो साल जेल की सजा, लोकसभा सदस्यता खोने की संभावना

Update: 2023-08-05 16:09 GMT

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की एक एमपी/एमएलए अदालत ने भाजपा सांसद (इटावा के प्रतिनिधित्व) डॉ. रामशंकर कठेरिया को आईपीसी की धारा 147 (दंगा) , 323 (स्वैच्छिक चोट पहुंचाना) के तहत 2011 में दर्ज एक मामले में दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई। साथ ही 50,000/- रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कोर्ट ने उन्हें 2011 में आगरा के साकेत मॉल स्थित टोरेंट पावर लिमिटेड कंपनी के ऑफिस में उत्पात मचाकर तोड़फोड़ करने का दोषी पाया है।

मामले में एफआईआर इस आरोप पर दर्ज कराई गई थी कि 16 नवंबर 2011 को जब कंपनी के मैनेजर बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई और निस्तारण कर रहे थे, तभी डॉ. कठेरिया अपने 10 से 15 समर्थकों के साथ कार्यालय में घुस आए और मारपीट की जिससे शारीरिक चोटें आईं।

न्यायालय के इस आदेश के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 सहपठित संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ई) के संदर्भ में डॉ. कठेरिया की लोकसभा सदस्यता खोने की संभावना है।

संदर्भ के लिए 1951 अधिनियम में प्रावधान है कि यदि किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है और दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा दी जाती है तो उसे संसद या राज्य विधान सभा या परिषद के किसी भी सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और आगे की अवधि के लिए भी अयोग्य बना रहेगा।

अतीत में कठेरिया ने केंद्रीय राज्य मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (नवंबर 2014- जुलाई 2016) के रूप में कार्य किया है। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। भाजपा में शामिल होने से पहले वह आगरा विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे जहां उन्होंने 'दलित चेतना' (दलित उत्थान) पर व्याख्यान दिया था। उन्होंने इस विषय पर कई किताबें भी लिखी हैं।


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