व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में विदेश यात्रा करने और पासपोर्ट रखने का अधिकार भी शामिल: तेलंगाना हाईकोर्ट

Update: 2023-12-11 07:26 GMT

तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारी किसी व्यक्ति के पासपोर्ट नवीनीकरण का आवेदन इस आधार पर खारिज नहीं कर सकते कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित है।

जस्टिस सुरेपल्ली नंदा ने कहा,

"इस न्यायालय का मानना है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामला लंबित होना याचिकाकर्ता को पासपोर्ट के नवीनीकरण से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है। व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में न केवल विदेश यात्रा करने का अधिकार शामिल होगा बल्कि पासपोर्ट रखने का अधिकार भी शामिल होगा।"

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के समक्ष आवेदन किया। हालांकि, उक्त आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 34 के सपठित धारा 420 के तहत आपराधिक कार्यवाही लंबित थी। इसलिए याचिकाकर्ता ने रिट याचिका के माध्यम से अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसमें पासपोर्ट अधिकारियों को उसके पासपोर्ट को नवीनीकृत करने के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की गई।

जस्टिस नंदा ने निर्णय पर पहुंचने में सुमित मेहता बनाम दिल्ली एनसीटी राज्य, मेनका गांधी बनाम भारत संघ और अन्य और सतीश चंद्र वर्मा बनाम भारत संघ (यूओआई) और अन्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णयों का उल्लेख किया।

याचिकाकर्ता की याचिका को इस निर्देश के साथ स्वीकार कर लिया गया कि प्रतिवादियों को उसके खिलाफ लंबित आपराधिक मामले से संबंधित किए बिना एक सप्ताह के भीतर उसके आवेदन पर विचार करना होगा।

याचिकाकर्ता के वकील: पी लक्ष्मा रेड्डी

उत्तरदाताओं के लिए वकील: एनवीआर राज्य लक्ष्मी ने भारत के सॉलिसिटर जनरल गादी प्रवीण कुमार का प्रतिनिधित्व किया।

केस टाइटल: रविकांति वेंकटेशम बनाम भारत संघ और अन्य, डब्ल्यू.पी. क्रमांक 32906 OF 2023

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