''फिज़िकल रूप से क्लास और होस्टलों को फिर से खोलने से मेडिकल रिस्क हाई होगा'': नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम ने एनएलयू को सलाह दी 'जल्दबाजी की बजाय सुरक्षा'अपनाए
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के कंसोर्टियम ने विश्वविद्यालयों को सलाह दी है कि वह अपने विश्वविद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से खोलने के संदर्भ में व्यक्तिगत निर्णय लें। हालाँकि, विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का निर्णय लेने से पहले कुछ दिनों तक प्रतीक्षा करने की सलाह दी गई है।
गवर्निंग बाॅडी (जीबी)ने पाया है कि बैचों को वापस लाने के लिए कोई बाध्यकारी शैक्षणिक कारण नहीं है और यह सभी विश्वविद्यालयों के सर्वोत्तम हित में है कि उनको जल्दबाजी की बजाय सुरक्षित रूप से फिर से ओपन किया जाए।
22 फरवरी, 2021 को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के कंसोर्टियम की गवर्निंग बाॅडी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था,जिसमें 22 वाइस-चांसलर ने भाग लिया था। यह बैठक कोरोना वायरस महामारी की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने और विश्वविद्यालयों व होस्टलों को मार्च 2021 से फिर से खोलने की संभावना की समीक्षा करने के लिए आयोजित की गई थी।
गवर्निंग बाॅडी के अनुसार, फिजिकल कक्षाओं और छात्रावासों को पूरी तरह से दोबारा खोलने से छात्रों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय समुदाय को अत्यधिक उच्च चिकित्सा जोखिम होगा क्योंकि फिलहाल COVID19 के लिए टीकाकरण छात्रों और संकाय के लिए अनुपलब्ध है। इसलिए विश्वविद्यालयों के पास कुछ छात्रों के सामने आने वाली विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए सीमित व्यवस्था करने की संभावना है।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि गवर्निंग बाॅडी ने COVID19 के मामलों में आई गिरावट को स्वीकार किया है, परंतु पिछले एक सप्ताह से महाराष्ट्र और केरल सहित कुछ राज्यों में मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। वहीं देश भर के बड़े आवासीय परिसरों और विश्वविद्यालय के होस्टलों में भी कई कलस्टर प्रकोप सामने आए हैं।
गवर्निंग बाॅडी का मानना है कि सभी एनएलयू के लिए एक निर्णय को लागू करना उपयुक्त नहीं है,इसलिए सभी विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वह अपने विश्वविद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से खोलने के संबंध में किसी भी निर्णय की घोषणा करने से पहले अपने मौजूदा बुनियादी ढांचे की व्यवस्था, रखरखाव और चिकित्सा सेवाओं और स्थानीय परिस्थितियों का जायजा ले लें।
यह भी कहा गया है कि 2021 में स्नातक करने वाले बैचों को वापस लाने के लिए कोई बाध्यकारी शैक्षणिक कारण नहीं है, क्योंकि एनएलयू में प्रयोगशाला की कोई आवश्यकता नहीं है।
गवर्निंग बाॅडी ने कहा है कि यह सभी विश्वविद्यालयों के सर्वोत्तम हित में है कि वे जल्दबाजी करने की बजाय सुरक्षित तरीके से फिर से खोले जाएं, ताकि फैकल्टी, छात्रों और विश्वविद्यालय समुदाय की जीवन की हानि या संभावित दीर्घकालिक चिकित्सा क्षति को कम किया जा सके। ये निर्णय यह देखते हुए किया गया है कि सभी विश्वविद्यालयों ने शैक्षणिक कार्यक्रम को ऑनलाइन जारी रखने की व्यवस्था की है और 2021 में शैक्षणिक कैलेंडर में कोई व्यवधान नहीं होगा।
गवर्निंग बॉडी ने मार्च के पहले सप्ताह में फिर से स्थिति की समीक्षा करने का प्रस्ताव पास किया है और जिन विश्वविद्यालयों ने अभी तक दोबारा खोलने की घोषणा नहीं की है, उन्हें कुछ और दिनों तक इंतजार करने की सलाह दी गई है।