न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी: मद्रास हाईकोर्ट ने सवुक्कू शंकर के खिलाफ फिर से अवमानना नोटिस जारी किया
मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) की मदुरै खंडपीठ ने हाल ही में एक यूट्यूब साक्षात्कार में भारतीय न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी के लिए यूट्यूबर / कमेंटेटर सवुक्कू शंकर को फिर से नोटिस जारी किया।
सवुक्कू शंकर ने टिप्पणी की थी,
"पूरी उच्च न्यायपालिका भ्रष्टाचार से त्रस्त है।"
जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस बी पुगलेंधी की पीठ के समक्ष आज जब मामला आया तो अदालत ने सवुक्कू शंकर को नोटिस जारी किया कि उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।
अदालत ने सवुक्कू शंकर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के स्टेटस के बारे में भी पूछा, जो कि सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय में मंत्रिस्तरीय कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे।
19 जुलाई को, जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने मदुरै बेंच रजिस्ट्री को न्यायाधीश के खिलाफ अपने ट्वीट के लिए सवुक्कू शंकर के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
सवुक्कू शंकर ने अपने ट्वीट के माध्यम से आरोप लगाया था कि न्यायाधीश ने एक अन्य यूट्यूबर मारिदास के खिलाफ कार्यवाही के संबंध में "किसी से मुलाकात" की थी, इस प्रकार मारिदास के पक्ष में आदेश आने के बाद न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश पर सवाल उठाये गये थे। अपने ट्वीट के माध्यम से, श्री शंकर ने कहा कि न्यायाधीश उस व्यक्ति से प्रभावित थे, जिससे वह मिले थे, और इसलिए उन्होंने मारिदास के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया था। मारिदास के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने तमिलनाडु की डीएमके सरकार के खिलाफ ट्वीट किया था।
केस टाइटल: रजिस्ट्रार न्यायिक बनाम शंकर @ सवुक्कू शंकर एंड अन्य
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