भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सांसद अभिषेक बनर्जी की आपराधिक मामले खारिज करने की मांग वाली याचिका पर फैसला टाला

Update: 2023-09-04 05:45 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नगरपालिका और शिक्षक-भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले खारिज करने की मांग को लेकर सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका पर अपना फैसला टाल दिया। प्रस्तुत मामले में संभावित उम्मीदवारों को पैसों के बदले सरकारी नौकरी की पेशकश की गई थी।

जस्टिस तीर्थंकर घोष की एकल पीठ के समक्ष बनर्जी ने दलील दी थी कि वर्तमान मामले में निष्कर्ष पर पहुँचने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 'लीप्स एंड बाउंड्स' कंपनी पर अनिधिकृत रूप से छापा मारा था। बनर्जी स्वयं इस कंपनी के सीईओ है। बनर्जी की दलीलों को रिकार्ड में लेते हुए बेंच ने कहा कि-

21.08.2023 को इस मामले के संबंध में दलीलों की सुनवाई पूरी हुई...इस अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया और फैसला सुनाने की तारीख 05.09.2023 तय की। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से आवेदन किया गया। उस आवेदन में दावा किया गया कि अंतराल अवधि में लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी के ऑफिस पर छापा मारा गया। इस कंपनी में याचिकाकर्ता मुख्य कार्यकारी अधिकारी है। इसके अलावा, सीमित अवधि के लिए उस समय याचिकाकर्ता निदेशक भी थे। याचिकाकर्ता के सीनियर वकील मिस्टर दत्ता का कहना है कि यह उक्त कंपनी के कर्मचारियों या अधिकारियों की सहमति और जानकारी में नहीं है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए फैसला सुनाने के लिए तय की गई तारीख को फिलहाल स्थगित रखा गया है।

वर्तमान याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बनर्जी द्वारा दायर एसएलपी खारिज करने पर दायर की गई थी। उस याचिका को सीआरपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता देकर निपटाया गया था।

जस्टिस तीर्थंकर घोष ने शिक्षक और नगर निगम भर्ती घोटाले के सभी मामलों की सुनवाई जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ द्वारा किए जाने के मद्देनजर इस मामले को छोड़ कर दिया था। मगर बाद में चीफ जस्टिस ने उन्हें फिर से यह मामला सौंपा दिया था।

वर्तमान सुनवाई के दौरान, बनर्जी के वकील ने तर्क दिया कि ईडी ने उनके स्वामित्व वाली कंपनी पर छापा मारा। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों की अनुपस्थिति में कथित तौर पर कंप्यूटर से 16 फाइलें डाउनलोड कीं, जो बनर्जी के लिए प्रतिकूल हो सकती हैं।

दूसरी ओर, ईडी के एएसजी एसवी राजू ने तर्क दिया कि जांच एजेंसी ने कोई हार्ड ड्राइव जब्त नहीं की है। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों की उपस्थिति में कार्रवाई की है।

इन घटनाक्रमों पर ध्यान देते हुए न्यायालय ने ईडी, साइबर पुलिस, कोलकाता और केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब (CFSL) को आपस में समन्वय करने का निर्देश दिया। CFSL को 4 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में अदालत के समक्ष कथित तौर पर कंपनी से ली गई 16 फाइलों की हार्ड कॉपी पेश करने के लिए कहा गया।

केस टाइटल: अभिषेक बनर्जी बनाम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)

कोरम: जस्टिस तीर्थंकर घोष

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