गुजरात के एक शख्स पर महिला ने रेप का आरोप लगाया। आरोप में कहा गया कि शख्स ने मॉडलिंग असाइनमेंट का लालच देकर उसके साथ रेप किया। महिला की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी ने दावा किया कि वो नपुंसक है। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने आरोपी का पोटेंसी टेस्ट करवाया। आपको बता दें, पोटेंसी टेस्ट में सीमन का सैंपल लेकर जांच की जाती है। टेस्ट का रिजल्ट आया। शख्स नपुंसक साबित हुआ। जस्टिस समीर दवे की बेंच ने आरोपी को जमानत दे दी।
इससे पहले सेशन कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पहली बार देखने से लगता है कि मामला बनता है। इसके बाद आरोपी ने जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था।
साल 2022 का मामला है। 55 साल के इस शख्स के खिलाफ 27 साल की युवती ने रेप का केस दर्ज करवाया था। आरोपी एक फोटोग्राफर है। युवकी ने आरोप लगाए थे कि उसने मॉडलिंग का काम दिलाने का झांसा देकर रेप किया। ये घटना पिछले साल नवंबर महीने की बताई गई। आरोपी के खिलाफ रेप और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी ने हाईकोर्ट से नियमति जमानत मांगी थी। आरोपी के वकील एफ एन सोनीवाला ने कोर्ट में कहा कि आरोपी नपुंसक है। वो कैसे रेप कर सकता है। उसके खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं।
आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि महिला उससे पैसे मांग रही थी और जब पैसे नहीं मिले तो केस दर्ज करवा दिया।
वकील ने मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा जताया और कहा कि एक नहीं बल्कि तीन बार उसका स्पर्म इकट्ठा करने की कोशिश की गई लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली। डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आरोपी की जांच में पता चला है कि उसमें न तो इरेक्शन है और न ही स्पर्म।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। कोर्ट ने आरोपी को 10 हजार रुपए के निजी बॉन्ड भरने और इतनी ही राशि का जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत दी।