राज्यसभा में सरोगेसी और असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) बिल पारित

Update: 2021-12-09 06:54 GMT

राज्यसभा (Rajya Sabha) में सरोगेसी (विनियमन) विधेयक [Surrogacy (Regulation) Bill], 2020 और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक [Assistive Reproductive Technology (Regulation) Bill], 2021 पारित हुआ।

दो विधेयकों का उद्देश्य इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) क्लीनिकों को विनियमित करना और भारत में कमर्शियल सरोगेसी को प्रतिबंधित करना है।

सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2020, केंद्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य सरोगेसी बोर्डों और उपयुक्त प्राधिकरणों की स्थापना करके भारत में सरोगेसी को विनियमित करने का प्रस्ताव करता है।

बिल कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाता है, लेकिन परोपकारी सरोगेसी की अनुमति देता है।

सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2021 का उद्देश्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी क्लीनिकों और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी बैंकों को विनियमित और पर्यवेक्षण करना और दुरुपयोग को रोकना है।

बिल में प्रावधान है कि प्रत्येक एआरटी क्लिनिक और बैंक को भारत के बैंकों और क्लीनिकों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री के तहत पंजीकृत होना चाहिए। राष्ट्रीय रजिस्ट्री बिल के तहत स्थापित की जाएगी और देश के सभी एआरटी क्लीनिकों और बैंकों के विवरण के साथ एक केंद्रीय डेटाबेस के रूप में कार्य करेगी।

बिल गैमीट डोनेशन और सप्लाई के लिए शर्तों को भी निर्धारित करता है।

बिल आगे स्पष्ट करता है कि एआरटी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे पर डोनर का कोई माता-पिता का अधिकार नहीं होगा। इस प्रकार जन्म लेने वाले बच्चे को कमीशनिंग कपल का जैविक बच्चा माना जाएगा और कमीशनिंग कपल के प्राकृतिक बच्चे के समान ही यह बच्चा उपलब्ध अधिकारों और विशेषाधिकारों का हकदार होगा।

एआरटी विधेयक, 2021 को ध्वनि-मत से पारित किया गया। सदन ने संशोधन के साथ सरोगेसी विधेयक, 2020 भी पारित किया। सरोगेसी (विनियमन) विधेयक पहले लोकसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन राज्यसभा द्वारा एक सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया था।

बुधवार को चर्चा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि सिलेक्ट कमेटी ने 64 सिफारिशें दी थीं, जिनका सरकार ने अध्ययन किया और कई को सरोगेसी विधेयक में शामिल किया गया है। अंतिम स्वीकृति के लिए विधेयक को अब लोकसभा में वापस भेजा जाएगा।

सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विधेयक, 2021 की कॉपी डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




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