आसाराम बलात्कार मामला : राजस्थान हाईकोर्ट ने गुजरात में इसी तरह के अपराधों के लिए दर्ज मामले में ट्रायल की स्थिति बताने को कहा
राजस्थान हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू द्वारा दायर तीसरे आवेदन पर सुनवाई करते हुए गुजरात में इसी तरह के अपराधों के लिए आसाराम के खिलाफ लंबित मुकदमे की प्रगति पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने लोक अभियोजक और आसाराम के वकील दोनों को अदालत को अब तक की प्रगति से अवगत कराने का निर्देश दिया।
"विद्वान लोक अभियोजक के साथ-साथ अपीलकर्ता के विद्वान वकील न्यायालय को उस मुकदमे की स्थिति से अवगत कराएंगे जो गुजरात राज्य में इसी तरह के अपराधों के लिए आरोपी अपीलकर्ता के खिलाफ चल रहा है।"
यह इस तथ्य के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कि हाईकोर्ट ने पहले सजा के अस्थायी निलंबन के लिए अपीलकर्ता की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि गुजरात में उसके खिलाफ लंबित मामलों के कारण यह निरर्थक होगा।
अदालत ने कहा,
" अपीलकर्ता को दी गई सजा को निलंबित करना इस मामले में, व्यर्थ की कवायद से कम नहीं होगा क्योंकि सेंट्रल जेल, जोधपुर से रिहा होने के तुरंत बाद उसे इस संबंध में गुजरात राज्य ले जाने की आवश्यकता होगी। लंबित मुकदमा पेशी वारंट के रूप में निश्चित रूप से लागू होगा।"
इससे पहले 24 मई को हाईकोर्ट ने लोक अभियोजक को तीसरी याचिका पर जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया था।
आज, आसाराम के वकील ने इस आधार पर स्थगन की मांग की कि बहस करने वाले वकील अदालत को संबोधित करने के लिए जोधपुर नहीं जा सके।
केस टाइटल: आसाराम @ आशुमल बनाम राजस्थान राज्य
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