पीड़िता ने कहा- जबरदस्ती अपहरण नहीं किया गया था, राजस्थान हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो केस रद्द किया
राजस्थान हाईकोर्ट में पॉक्सो से जुड़ा एक मामला आया। पीड़िता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उसका जबरदस्ती अपहरण नहीं किया था।
इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने एक 23 साल लड़के के खिलाफ दर्ज रेप और POCSO केस खारिज किया।
जस्टिस बीरेंद्र कुमार की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा,
"जब लड़की नाबालिग थी उस समय याचिकाकर्ता का उसके साथ कोई फिजिकल रिलेशन नहीं था। दोनों पहले से ही शादी कर चुके हैं और उनके एक बच्चा भी है। ऐसी स्थिति में क्रिमिनल प्रोसिडिंग जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। इसे रद्द किया जाता है।
साल 2021 में IPC की धारा 366, 376, 376 (2) (n) और धारा 5 (1) (j) (ii) और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत लड़के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी। इसे रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
FIR के मुताबिक नाबालिग लड़की 11 अप्रैल, 2021 को अपने दोस्त के साथ घर से निकली थी, जिसके बाद से वो वापस नहीं लौटी।
पिछले साल मार्च में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि वो आरोपी से प्यार करती है और उससे शादी करने के लिए उसके साथ घर छोड़कर चली गई। बाद में दोनों ने मंदिर में शादी कर ली और उसके बाद आपसी सहमति से दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए थे।
आरोपी के वकील ने कहा- दोनों को एक बच्चा भी है। कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए FIR रद्द की जानी चाहिए।
इसके बाद अदालत ने क्रिमिनल प्रोसिडिंग रद्द करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील अभिषेक बी शर्मा पेश हुए।
पीपी अतुल शर्मा और वकील शांतनु गुप्ता ने प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व किया।
केस टाइटल: अंकित जाटव बनाम राजस्थान राज्य व अन्य
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