राजस्थान हाईकोर्ट ने गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से संबंधित अपराधी को 7 दिन की पैरोल के लिए 2 लाख रुपए का निजी बॉन्ड भरने, 1 लाख रुपए की राशि का जमानतदार पेश करने के लिए कहा
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य को गरीबी रेखा से नीचे (बी.पी.एल.) परिवार से संबंधित एक दोषी को 7 दिन की पैरोल के लिए 2 लाख रुपए का निजी बॉन्ड, 1 लाख रुपए का जमानतदार पेश करने के लिए कहा है।
हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता के भाई की जमानत बॉन्ड भरने की आवश्यकता को माफ कर दिया।
याचिकाकर्ता को 29.09.2021 को राजस्थान कैदी रिहाई पर पैरोल नियम, 1958 के नियम 18 के तहत 7 दिनों की पैरोल प्रदान की गई थी, जिसमें 2,00,000 रुपये की राशि के रूप में निजी बॉन्ड भरने और 1,00,000/- रुपये की राशि का दो जमानतदारों को पेश करने के लिए कहा।(जिसमें से एक याचिकाकर्ता के भाई शरवर्मल का था)
याचिकाकर्ता ने इस दावे के साथ हाईकोर्ट का रुख किया था कि उसे निजी मुचलके पर ही रिहा किया जा सकता है क्योंकि वह बी.पी.एल. परिवार में आता है।
जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने दोषी को केवल निजी मुचलके पर रिहा करने पर अपनी अनिच्छा व्यक्त की।
आगे कहा,
"रिकॉर्ड में उपलब्ध समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम याचिकाकर्ता को केवल निजी बांड प्रस्तुत करने पर पैरोल पर रिहा करने के लिए प्रार्थना करने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, आदेश दिनांक 29.09.2021 की शर्तों में ढील दी गई है और यह निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता को 2,00,000 रुपये की राशि का निजी बॉन्ड भरने और 1,00,000 रुपये की राशि का जमानतदार पेश करने की शर्त पर 07 दिनों के पैरोल पर रिहा किया जाएगा। याचिकाकर्ता के भाई के जमानती बांड को माफ किया जाता है। आदेश दिनांक 29.09.2021 की अन्य शर्तों को बनाए रखा जाता है।"
एडवोकेट नरेश चरणिया और एडवोकेट कालूराम भाटी याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए जबकि जीए-सह-एएजी अनिल जोशी प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए।
केस टाइटल: राजू @ राजकुमार अपने भाई के माध्यम से शरवर्मल बनाम राज्य एंड अन्य।
साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 185
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